ओडिशा। भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के तट पर चांदीपुर में ‘वर्टिकली लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल’ (वीएल-एसआरएसएएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। डीआरडीओ के अनुसार, यह मिसाइल लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित दुश्मन के टारगेट को खत्म कर सकती है। इस प्रणाली के शुरू होने से हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा।
डीआरडीओ ने बताया कि, आज का प्रक्षेपण एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य की नकल करने वाले विमान के खिलाफ किया गया था, जो सफलतापूर्वक लक्ष्य भेदने में सफल रहा। आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करके मापदंडों के साथ वाहन के उड़ान पथ की निगरानी की गई।
परीक्षण प्रक्षेपण की निगरानी डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई।
वीएल-एसआरएसएएम सतह से हवा में वार करने वाली एक त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। इसमें फाइबर-ऑप्टिक गायरोस्कोप के माध्यम से मध्य-पथ जड़त्वीय मार्गदर्शन के साथ-साथ टर्मिनल चरण के दौरान सक्रिय रडार होमिंग जैसी विशेषताएं शामिल हैं। इस मिसाइल में ‘लॉन्च से पहले लॉक और लॉन्च के बाद लॉक की क्षमता है। यह भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर “बराक-1 सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल प्रणाली” को बदलने का प्रयास करता है।