नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद दोनों देशों से सीमा पर तनाव बना हुआ है। इसी बीच भारतीय वायु सेना गुरुवार से युद्धाभ्यास करेगी। चीन सीमा के पास में वायुसेना का युद्धाभ्यास दो दिन चलेगा। युद्धाभ्यास के दौरान राफेल और सुखोई भी गरजेंगे। यह युद्धाभ्यास वायुसेना चाबुआ, जोरहट, तेजपुर और हाशिमारा एयरबेस पर करेगी। पूर्वोत्तर से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी पूर्वी कमांड ही करती है। हालांकि इस युद्धाभ्यास का झड़प से कोई संबंध नहीं है।
मालूम हो कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में एक बार फिर से झड़प हुई थी। हालांकि, कहा जा रहा है कि चीन इसी तरह हवाई क्षेत्र में लंबे समय से सीमा का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहा था। अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई बार अपने ड्रोन्स भेजे गए। इनके जरिए चीन लगातार हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की कोशिश करता रहा।
ड्रोन्स को खदेड़ने के लिए उतारने पड़े लड़ाकू विमान :-
रिपोर्ट्स की मानें तो भारत को चीन की इन हरकतों का जवाब देने के लिए कई बार क्षेत्र में तैनात अपने फाइटर जेट्स को उतारना पड़ा। रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि बीते कुछ हफ्तों में दो-तीन बार ऐसा हुआ, जब वायुसेना को एलएसी के पार आने की कोशिश कर रहे ड्रोन्स को खदेड़ने के लिए लड़ाकू विमान उतारने पड़े। वायुसेना को इन खतरों से निपटने के लिए सुखोई-30 एमकेआई जेट्स का सहारा लेना पड़ा।