जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर में भूमि हीन और गरीब वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिली है। एलजी मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद की बैठक हुई। इसमें कृषि सुधार अधिनियम 1976 की धारा छह, सात और 12 में संशोधन को अनुमति दे दी गई है। इस अनुमति प्रस्ताव बिल को केंद्रीय गृह मामलों के मंत्रालय को भेजा जाएगा, ताकि संसद के माध्यम से इसे मंजूरी मिल सके। संसद से बिल को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
कृषि सुधार अधिनियम की धारा 6, 7 और 12 के तहत भूमि पर आवासीय मकान या खेती होने पर इस भूमि के राजस्व विभाग फर्द नहीं काटता था। ऐसे में इस भूमि का उपयोग करने वाले लोगों को जरूरत पड़ने पर या संतान की शादी या बिमारी की अवस्था में न तो बैंक से लोन मिल पाता था और न ही वह भूमि को बेच पाते थे।
प्रशासनिक परिषद की तरफ से कृषि सुधार अधिनियम की धारा छह, सात और 12 में संशोधन को अनुमति देने के बाद संसद की तरफ से बिल को पारित करने के बाद छह, सात और 12 के तहत भूमि के फर्द काटने का रास्ता साफ हो जाएगा।
बिल को मंजूरी के बाद लोग जरूरत के समय भूमि को बेच भी पाएंगे और उन्हें बैंक से लोन आदि भी मिल पाएगा। प्रशासनिक परिषद की बैठक में सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता भी मौजूद रहे।