कल्याणकारी योजनाओं के गंभीरता से लागू नहीं होने के कारण मानवाधिकारों का होता है उल्लंघन: अरूण कुमार मिश्रा

नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने एनकाउंटर के जरिये तत्काल न्याय प्रक्रिया को खतरनाक माना है और कहा है कि इससे प्रशासनिक विफलता का संकेत मिलता है। उन्होंने एनएचआरसी और राज्य मानवाधिकार आयोगों (एसएचआरसी) के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की विफलताओं को दुरुस्त करने के बारे में सोचने का वक्त आ गया है, जिस कारण अदालतों के निर्णय भी कई बार लागू नहीं हो पाते हैं। बैठक में मानवाधिकारों के सिद्धांत में सुधार के लिए समयबद्ध सामूहिक कार्ययोजना बनाने को लेकर साझा समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि, कल्याणकारी योजनाओं के गंभीरता से लागू नहीं होने के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। मानवाधिकार आयोग सिफारिश करने वाले निकाय होते हैं, लेकिन मानवाधिकार संरक्षण (पीएचआर) कानून के तहत उन्हें पर्याप्त अधिकार हैं कि वे अंतिम व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा कर सके और निर्धनतम को सुरक्षा प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्य मानवाधिकार आयोग भी सरकार द्वारा सिफारिशें लागू करना सुनिश्चित करने के लिए एनएचआरसी को सहयोग कर सकते हैं। एक दिन पहले ही एनएचआरसी के 28वें स्थापना दिवस समारोह में मिश्रा ने पुलिस प्रणाली को अधिक प्रभावी और स्वतंत्र बनाने की अपील की थी ताकि सीबीआई जांच की नौबत ही न आए। उन्होंने कहा था कि पुलिस द्वारा संविधान के विरुद्ध और निंदनीय तरीके से मुठभेड़ को अंजाम दिया जाता है। हमें इस बर्बरता से निकलना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *