महाराष्ट्र। महाराष्ट्र कैबिनेट ने निर्णय लिया कि वह सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण का समर्थन करेगी। कैबिनेट ने यह फैसला उच्च पदों पर एससी, एसटी और अन्य आरक्षित श्रेणियों के प्रतिनिधित्व के तहत स्थापित एक रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए लिया है। इस संबंध में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कैबिनेट ने बैठक में राज्य सरकार के कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण की नीति को समर्थन देने का फैसला लिया। इसके साथ ही कैबिनेट ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखेगी, जहां यह मामला लंबित है। बैठक में कैबिनेट ने एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) और पिछड़े वर्गों के वर्तमान प्रतिनिधित्व पर मुख्य सचिव सीताराम कुंते की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट पर विचार-विमर्श किया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान समय में राज्य कैडर में वरिष्ठ पदों पर इन समुदायों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया जाएगा। इस हलफनामे प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार का पक्ष स्पष्ट किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि हलफनामे में इस रिपोर्ट का और इसमें पाई गई जानकारियों का उल्लेख भी किया जाएगा। इससे पहले मई की शुरुआत में, सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति और घुमंतू जनजाति और विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणियों के लोक सेवकों के लिए पदोन्नति में आरक्षण को हटाते हुए अंतरिम आदेश जारी किया था। हालांकि, कड़े विरोध के बाद राज्य सरकार ने बाद में अंतरिम आदेश पर रोक लगाते हुए इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया था। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।