कुशीनगर पहुंचे पीएम मोदी, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का करेंगे उद्घाटन

कुशीनगर। हवाई अड्डे के लिए भलुही मदारीपट्टी, बेलवा दुर्गा राय, बेलवा रामजस, नीबीडीह, शाहपुर, कुरमौटा, मिश्रौली, नरकटिया, पतया, पतईं, नंदाछपरा, नकहनी व खोराबर के किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया। पहली बार किसानों को अपनी जमीन के लिए सरकारी मालियत की दर से चार गुना अधिक मुआवजा मिला। लिहाजा कई किसान खुद ही जमीन देने के लिए आगे आए। वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री के तौर पर मायावती कुशीनगर आई थीं। अपने आध्यात्मिक गुरू एबी ज्ञानेश्वर से मिलकर लौटीं मायावती ने कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनवाने की घोषणा की। इसके लिए प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया। मंजूरी भी मिल गई, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। वर्ष 2012 में प्रदेश की सत्ता संभालते ही सपा सरकार ने मैत्रेय प्रोजेक्ट को लेकर तत्परता दिखाई। एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई। मैत्रेय प्रोजेक्ट के विरोध को देखते हुए एयरपोर्ट के लिए जमीन मिलना मुश्किल था, लेकिन तत्कालीन डीएम के प्रयासों से जमीन अधिग्रहण का काम जल्दी ही पूरा हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुशीनगर पहुंच गए हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का स्वागत किया। ब्रिटिश हुकूमत में देवरिया-कुशीनगर का यह इलाका गन्ने की खेती के लिए जाना जाता था। तब यहां 13 चीनी मिलें स्थापित थीं। वर्ष 1946 में अंग्रेज अफसरों के आवागमन के लिए कसया के भलुही मदारीपट्टी गांव में एयरोड्रम का निर्माण हुआ था। हालांकि अंग्रेज इसका उपयोग नहीं कर पाए। वर्ष 1954 में कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें चीन, ताइवान, तिब्बत, थाईलैंड समेत बौद्ध अनुयायी देशों के प्रतिनिधियों और राष्ट्राध्यक्षों ने भी प्रतिभाग किया। आजादी की पहली किरण की गवाह कसया की हवाई पट्टी (एयरोड्रम) 75 वें साल में अंतरराष्ट्रीय पहचान पाने जा रही है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। यह यूपी का तीसरा व सबसे लंबे रनवे वाला एयरपोर्ट होगा। इतिहास में दर्ज होने वाली इस तारीख का हर व्यक्ति गवाह बनना चाहता है। वर्ष 1995 में हुए जीर्णोद्धार के ढाई दशक बाद अब जाकर इस एयरपोर्ट से नियमित उड़ान शुरू होगी। रोजगार के क्षेत्र में पिछड़े इस जिले के लोगों को पर्यटन से कारोबार की बड़ी उम्मीद है।

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