नई दिल्ली। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाए गए हर मुद्दों का जवाब देने के लिए संबंधित मंत्री बाध्य होंगे। इस दौरान चुनिंदा सवालों का जवाब मंत्री उसी दिन सदन में देंगे, बाकी सवालों का जवाब सदस्यों को मंत्री की ओर से लिखित में उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा स्पीकर ने इस दिशा में विशेष पहल की है। बृहस्पतिवार को शून्यकाल में नई परिपाटी की शुरुआत हुई। शून्यकाल के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन में ही डीएमके सांसद टीआर बालू और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सवालों का जवाब दिया। पिछली लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाए गए 55 फीसदी मुद्दों का संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिया। नई लोकसभा में इसका सौ फीसदी का लक्ष्य हासिल करना है। गौरतलब है कि शून्यकाल के दौरान सदस्यों के सवालों का जवाब देने के लिए मंत्री बाध्य नहीं हैं।