मनुष्य को द्वादश ज्योतिर्लिंगों का करना चाहिए चिंतन: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, बारह ज्योतिर्लिंगों के यदि कोई शिवभक्त नाम याद कर ले और प्रातः काल उठकर उसका स्मरण कर ले तो श्री शिव पुराण में लिखा है- ‘ सर्व पापैः विनिर्मुक्तः ‘ सब पापों से मुक्त हो जायेगा और ‘सर्वसिद्धिफलं लभेत् ‘ सब सिद्धियों को सहज भाव से प्राप्त कर लेगा। ।।द्वादश ज्योतिर्लिंगानि।। सौराष्ट्रे सोमनाथं च, श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।उज्जयिन्यां तु महाकालं,  ओंकारममलेश्वरम्।।1।। परल्यां वैद्यनाथं च,डाकिन्यां भीमशंकरः। सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारूकावने।।2।। वाराणस्यां तु विश्वेशं,त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तू केदारं,घुसृणेशं शिवालये।।3।। एतानि ज्योतिर्लिंगानि,सायं प्रातःपठेन्नरः। सप्त जन्म कृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।।4।। द्वादश ज्योतिर्लिंग का प्रातः काल स्मरण कर लो और यदि मानसिक पूजा भी कर लिया करें, आपको सब सिद्धियां मिल जायेंगी। आपके जीवन के अधूरे कार्य पूर्ण होंगे, कोई भी कार्य अधूरा नहीं रहेगा। यदि द्वादश ज्योतिर्लिंगों का नाम याद करके, उनका स्मरण करो और मानसिक रूप से उनकी पूजा कर लो। तब आप प्रतिदिन द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन का फल प्राप्त कर लोगे, मानसिक पूजा में बढ़िया से बढ़िया चीजें चढ़ाते रहो। द्वादश ज्योतिर्लिंगों का चिंतन करना चाहिए। बारह ज्योतिर्लिंग है,वर्ष में महीने भी बारह हैं, सूर्य भी बारह हैं, जीवन का चक्र भी इसी आधार पर चलता है। एकादश रुद्र है। दस इंद्रियों और एक मन के द्वारा हुए पापों को मिटाना भगवान् शंकर के लिए सहज बात है। सहज उनमें क्षमता है।
ऊँ अघोराय नमः
ऊँ विरूपाय नमः
ऊँ भैरवाय नमः
ऊँ त्र्यबकाय नमः
 ऊँ ईशानाय नमः
ऊँ शूलपाणये नमः
 ऊँ शिवाय नमः
ऊँ विश्वरूपाय नमः
ऊँ पशुपतये नमः
 ऊँ कपर्दिने नमः
 ॐ महेश्वराय नमः
सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम,
श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा,(उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

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