सबसे जरूरी है अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी…

नई दिल्ली। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी को सबसे ज्यादा जरूरी माना है। इनका कहना है कि इनके जरिए कोरोना के और भी वेरिएंट देश में प्रवेश कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने हाल ही में दिल्ली और मुंबई में वायरस के ईटा वेरिएंट की मौजूदगी का भी पता लगाया है,

जो विदेश से आने वालों के साथ-साथ समुदाय स्तर पर भी मरीजों में पाया गया है। इस वेरिएंट में एंटीबॉडी पर हमला करने वाला म्यूटेशन भी देखने को मिला है। पुणे स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, नई दिल्ली स्थित आईसीएमआर और दिल्ली हवाईअड्डे पर कोरोना की जांच करने वाले जेनेस्ट्रिंग डायग्नोस्टिक के संयुक्त अध्ययन में कोरोना के ईटा वेरिएंट के बारे में पता चला है।

इसके मुताबिक दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डे पर 212 लोगों के सैंपल एकत्रित किए गए। जब इन सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई तो इनमें से 90 की रिपोर्ट में 14 में ईटा वेरिएंट मिला है।

जिन लोगों में यह वेरिएंट मिला वे यूएई, दक्षिण अफ्रीका, कतर, नाइजीरिया, सूडान इत्यादि देशों से आए थे। इनके अलावा दो और सैंपल में यह वेरिएंट मिला है, जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी और यह दोनों ही सैंपल मुंबई हवाई अड्डे के बाहर से लिए गए थे।

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