रेपो रेट में बदलाव नहीं करने के पक्ष में एमपीसी, 6.5% ही रहेगी रेपो रेट

आरबीआई। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने इस बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। बताया जा रहा था कि आरबीआई  रेपो दर में फिर 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। जबकि केंद्रीय बैंक ने ऐसा नहीं किया है। फरवरी में हुई एमपीसी बैठक में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 फीसदी किया गया था। उस वक्‍त आरबीआई ने बताया था कि खुदरा महंगाई को काबू में रखने और उच्च विकास दर को बनाए रखने के लिए प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। आरबीआई गवर्नर ने गुरुवार की सुबह अपने बयान में कहा कि एमपीसी के सभी सदस्य रेपो रेट में बदलाव नहीं करने के पक्ष में थे। उन्होंने कहा कि भारत में बैंकिंग सेक्टर की स्थिति काफी मजबूत है। FY 23 में देश में अनाज उत्पादन में 6% की वृद्धि हुई है। आरबीआई के मुताबिक FY 24 में महंगाई में कमी का अनुमान है।

आरबीआई के पास नरम रुख अपनाने वजह
रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने बताया था कि आरबीआई के पास अब इस बात के पर्याप्त कारण हैं कि वह अप्रैल की समीक्षा में रेपो दर में कोई वृद्धि न करे। तरलता के मोर्चे पर दिक्कतों के बावजूद केंद्रीय बैंक आगामी एमपीसी बैठक में नरम रुख अख्तियार कर सकता है।

5.5% के करीब महंगाई
रिपोर्ट में के द्वारा कहा गया कि महंगाई के मोर्चे पर फिलहाल बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। बीते 10 वर्ष में औसत महंगाई दर 5.8 प्रतिशत रही है। तथा इस बात की बहुत कम संभावना है कि आने वाले दिनों में खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत  या उससे कम होगी। बीते 2 महीने से खुदरा महंगाई आरबीआई के 6 प्रतिशत के संतोषजनक दायरे से ऊपर रही है। फरवरी में खुदरा महंगाई 6.44 प्रतिशत और जनवरी में 6.52 प्रतिशत रही थी।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि बीते 2 महीनों से खुदरा महंगाई के 6 प्रतिशत  से ऊपर बने रहने और तरलता के भी तटस्थ हो जाने के बाद अनुमान है कि आरबीआई रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। साथ ही, वह संकेत दे सकता है कि दरों में बढ़ोतरी का दौर खत्म हो चुका है। मई, 2022 से अब तक रेपो दर 2.50% बढ़ चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *