नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद, बॉम्बे, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को मौजूदा सांसदों व विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों का तबादला करने की मंजूरी दे दी। शीर्ष अदालत ने संबंधित राज्यों की अन्य अदालतों में प्रशासनिक जरूरतों के आधार पर तबादला करने की अनुमति दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इन मामलों की सुनवाई में विलंब न हो, इसके लिए जल्द से जल्द इनके उपयुक्त विकल्पों की तलाश की जाए। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ साल 2016 की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में जघन्य अपराधों में दोषी सांसदों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध और उनके खिलाफ दर्ज मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने की मांग की गई थी। इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन सभी हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि बिना पूर्व अनुमति के ऐसे मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों का तबादला न किया जाए। अपने 10 अगस्त के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए जरूरी है कि सांसदों या विधायकों के खिलाफ अभियोजन या विशेष या सीबीआई अदालतों की अध्यक्षता करने वाले अधिकारी अगले आदेश तक अपने वर्तमान पदों पर बने रहें। इसके बाद इन हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने याचिका दाखिल करते हुए कुछ विशेष न्यायाधीशों को उनके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य अदालतों में स्थानांतरित करने की अनुमति देने की मांग की थी।