नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद के बाद अब जांच एजेंसियों के निशाने पर माफिया डॉन मुख्तार अंसारी आ गया है। जांच एजेंसियों की योजना मुख्तार अंसारी को तीन चरणों में घेरने की है। आयकर विभाग ने जेल में मुख्तार अंसारी से 125 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर ली है। अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि ज्यादातर संपत्तियां मुख्तार अंसारी और उनके संबंधियों तथा नजदीकी लोगों ने खरीदी है। जांच के दौरान मिले दस्तावेजों के अनुसार कुछ प्रॉपर्टी जिस कंपनी के द्वारा खरीदी गई है उस कंपनी के निदेशकों में मुख्तार अंसारी के उस एक करीबी का नाम शामिल है, जो उसके साथ एक मामले में चार्जशीट हो चुका है।
आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति यूनिट ने इस मामले में ऑपरेशन पैंथर के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें से एक प्रॉपर्टी को 11 अप्रैल को बेनामी संपत्ति यूनिट ने अटैच भी कर ली है। आयकर विभाग इस मामले में 3 चरणों के तहत मुख्तार अंसारी पर कार्रवाई करने जा रहा है। इसके पहले चरण में मुख्तार अंसारी की 127 करोड़ रुपये की जायदाद चिह्नित की गई है। दूसरे चरण में इन जायदादों को जब्त किया जा रहा है। तीसरे चरण में आयकर विभाग कोर्ट में याचिका दाखिल करेगा। जिसके तहत वह मुख्तार अंसारी से पूछताछ की इजाजत मांगेगा। कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद आयकर विभाग के बेनामी संपत्ति डिवीजन के अधिकारी जेल में मुख्तार अंसारी से पूछताछ करेंगे।
जांच के दौरान आयकर विभाग को पता चला कि गाजीपुर में 12 करोड़ रुपये की जिस संपत्ति को जब्त किया गया है, उसे खरीदते समय जो चेक पेश किया जाना था, वो दिया ही नहीं गया। ऐसे में आयकर विभाग को शक है कि यह पूरा धन काला हो सकता है। उसके साथ ही मुख्तार अंसारी की पत्नी और नजदीकी लोग भी इन कंपनियों में शामिल बताए गए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार चाहती है कि अपराध के द्वारा जो संपत्तियां बनाई गई हैं और बेनामी तौर पर ली गई हैं, उन्हें जब्त कर लेने से इन सफेदपोश अपराधियों की आर्थिक रीड़ की हड्डी टूट सकती है। इस तरह उन पर शिकंजा कसा जा सकता है। लिहाजा इस कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है।आयकर विभाग की रिपोर्ट के बाद मुख्तार अंसारी की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही काले धन की जांच में दूसरी जांच एजेंसियां भी अपनी जांच शुरू कर सकती हैं।