नटराजासन योग हड्डियों और मांसपेशियों के लिए है बेहद लाभकारी

योग। नटराजासन योग का जिक्र पुराणो में भी मिलता है, जिसको दिनचर्या का हिस्सा बनाकर योगी-ऋषि शरीर को स्वस्थ और फिट रखा करते थे। इसे डांसर पोज के नाम से भी जाना जाता है। मध्यवर्ती योग की यह मुद्रा है, शरीर के संतुलन को ठीक करने और हड्डियों-मांसपेशियों के लिए काफी लाभकारी मानी जाती रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक शरीर के कई हिस्सों में होने वाले दर्द और मांसपेशियों की समस्याओं के लिए खराब पॉश्चर प्रमुख कारण माना जाता है। नटराजासन योग के अभ्यास से इस तरह की दिक्कतों से आराम पाया जा सकता है।

योग विशेषज्ञ बताते हैं, यह भगवान नटराज की विशेष मुद्रा है जो शरीर के संतुलन के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। हालांकि यह अभ्यास कठिन है इसके लिए आपको नियमित प्रैक्टिस की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि इस योग का अभ्यास कैसे किया जाता है और इससे किस प्रकार के लाभ हो सकते हैं?

नटराजास योग करने का तरीका :-

योग विशेषज्ञ बताते हैं, नटराजसन को मध्यमस्तरीय योग मुद्रा के रूप में जाना जाता है, जिसके लिए आपको विशेष अभ्यास की जरूरत होती है। इस आसन के लिए शरीर के संतुलन का ठीक रहना जरूरी है, इसके शुरुआती दिनों मे किसी प्रशिक्षक की निगरानी में ही इसका अभ्यास किया जाना चाहिए।

इस योग को करने के लिए सबसे पहले एक पैर को पीछे की तरफ मोड़ें और हाथ से पैर को टखने से पकड़ें। पैर को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं। अपने बाएं हाथ को सामने सीधा फैलाएं। अभ्यास के समय गहरी सांस लेते रहें और शरीर का संतुलन बनाने की कोशिश करें। कुछ समय तक इसी स्थति में रहें और भी पूर्ववत अवस्था में आकर दूसरे हाथ-पैर से इसका अभ्यास करें।

नटराजासन योग से फायदे :-

इस योगासन से शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हैं। मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग से लेकर पॉश्चर की समस्या के कारण होने वाली दिक्कतों को दूर करने में इसके अभ्यास से विशेष लाभ पाया जा सकता है।

  • हैमस्ट्रिंग,काल्फ को स्ट्रेच करने और शरीर को लचीला बनाने में इस योग के लाभ हैं।
  • ये योगासन पीठ के निचले हिस्से और जांघों को टोन करता है।
  • बाहों और कंधों की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद अभ्यास है।
  • छाती को खोलने और पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में इस योग के लाभ हैं।
  • रीढ़, कंधों और पीठ की मांसपेशियों के लिए इसे फायदेमंद माना जाता है।
  • इस योगासन को शारीरिक मुद्रा में सुधार करने के साथ संतुलन को बेहतर बनाने में फायदेमंद पाया गयाहैं।

नटराजासन योग की सावधानियां :-
नटराजासन योग का नियमित अभ्यास करना वैसे तो सभी के लिए फायदेमंद है, पर कुछ स्थितियों में इसका अभ्यास न करने की सलाह दी जाती है। यदि आपको टखने या पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी है या फिर लो ब्लड प्रेशर, चक्कर आने, सिरदर्द जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं तो इस योग  को न करें। इसके अलावा गर्भावस्था में भी इस अभ्यास को न करने की सलाह दी जाती है। अधिकतम लाभ प्राप्त करने और सही तरीके के बारे में जानने के लिए योग विशेषज्ञ की सलाह अवश्‍य लें।

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