Flood in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढता ही जा रहा है। जिसके मद्देजनर दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में बाढ़ की वजह से दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और कार्यालय बंद कर दिए गए हैं।वहीं, हथिनीकुंड बैराज के अधिकारियों ने कहा कि लाखों क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है,जिससे दिल्ली में पानी का स्तर और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।
यमुना नदी में छोड़ा गया क्यूसेक पानी
वहीं, हरियाणा में यमुनानगर जिले के जल सेवा प्रभाग (दादुपुर) में तैनात कार्यकारी अभियंता संदीप कुमार ने कहा, ‘हथिनीकुंड से एनसीआर तक पानी पहुंचने में 72 घंटे लगते हैं और मंगलवार को अधिकतम 3.5 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था। इसलिए, तकनीकी रूप से, दिल्ली में अधिकतम प्रभाव शुक्रवार को देखा जा सकता है। इसके अलावा, 16 जुलाई से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश का पूर्वानुमान भी है।’
यूपी सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विकास चंद्रा ने गुरुवार को टीओआई से कहा कि ‘बांध की तरह बैराज में पानी को रोकने के लिए झील या कैचमेंट एरिया जैसी संरचना नहीं होती। बैराज नदी कीधारा मोड़ने का एक जरिया मात्र है। बैराज से दो नहरें निकलती हैं। एक है पश्चिमी यमुना नहर जो हरियाणा में बहती है और दूसरी पूर्वी यमुना नहर है जो यूपी के दोआब क्षेत्र से होकर बहती है। इसका जल प्रवाह बैराज द्वारा नियंत्रित होता है। जब तक पानी का प्रवाह 70 हजार क्यूसेक से कम है, तब तक दोनों नहरों (एक हरियाणा में और दूसरी यूपी में) को पानी दिया जाता है, लेकिन जब प्रवाह बढ़ता है तो नहर की आपूर्ति अवरुद्ध कर दी जाती है और पानी की पूरी मात्रा मुख्य नदी चैनल में चली जाती है।’