Delhi AQI: दिल्‍ली में प्रदूषण के बिगड़ते हालात को लेकर SC ने सरकार को लगाई फटकार, कही ये बात

Delhi Poor AQI: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बिगड़ते हालात को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट बेहद सख्त नजर आया. ऐसे में सर्वोच्च अदालत ने केवल राज्य ही नहीं बल्कि केंद्र के रवैये को लेकर भी गंभीर टिप्पणियां की.

वहीं इससे पहले भी सुनवाई के दौरान अदालत ने हरियाणा और पंजाब सरकार को पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए खरी-खरी सुनाई थी. इसके साथ ही दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को भी समन भेजा था.

सबसे पहले केंद्र को लगाई फटकार

प्रदूषण मामले में सुनवाई कर रही जस्टिस अभय ओका, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने आज शुरुआत में ही केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि केंद्र ने कोई मशीनरी नहीं बनाई है. पर्यावरण संरक्षण कानून को भी बेकार (दंतहीन) कर दिया गया है. कोर्ट ने ये भी कहा कि आपने तो इस कानून की धारा 15 में बदलाव कर सजा को जुर्माने में बदलकर अपना पीछा छुड़ा लिया है. इसके साथ ही आप जुर्माना लगाने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए वो भी नहीं की जा रही है.

कानून आपको दे रहा सजा का अधिकार

ऐसे में एएसजी एश्वर्य भाटी ने कहा कि अगले 10 दिन में इस धारा को पूरी तरह ऑपरेशन में ला दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्‍होंने कोर्ट को यह भी बताया कि हमने दोनों राज्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिस पर उन्होंने बहुत भारी उत्तर दिए हैं. इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि यही तो सबसे परेशानी वाली बात है. कानून आपको अधिकार दे रहा है कि आप सजा दें. हमारे आदेश साफ दिखाते हैं कि आदेशों का पालन नहीं हो रहा. आप अब भी नोटिस ही भेज रहे हैं.

सरकारें सच में कानून का पालन कराना चाहतीं तो…

जस्टिस ओका ने आगे कहा कि वो भारी-भरकम रिप्लाई करते रहेंगे और आप उनको सुनवाई का मौका देते रहेंगे और इससे उन्हें आदेशों को चैलेंज करने का मौका मिल जाएगा. यदि यह सरकारें सच में कानून का पालन कराना चाहतीं तो कम से कम एक मामले में सजा तो होती. इससे पहले भी वकील ने साफ तौर पर कहा था कि शायद किसानों पर कार्रवाई न करने की वजह राजनीतिक हो सकती है. बिल्कुल यह राजनीतिक ही है, इसके सिवाय क्या हो सकता है?

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