दिल्ली पुलिस ने एक बड़े गिरोह का किया पर्दाफाश, 14 आरोपी गिरफ्तार ,लोगों को ऐसे फंसाते थे जाल में

New-delhi: शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम पर नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवाओं को झांसे में लेकर ठगी करने वाले दो मुख्य आरोपित समेत 14 आरोपितों को नई दिल्ली जिला के साइबर सेल थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उक्त दोनों वेबसाइटों से युवाओं के नाम व नंबर प्राप्त करने के बाद फर्जी कॉल सेंटर के जरिये उनसे संपर्क बनाते थे।

डीसीपी नई दिल्ली जिला देवेश कुमार महला के अनुसार गिरफ्तार आरोपितों में फहीक सिद्दीकी (लक्ष्मी नगर), धर्मेंद्र (जगतपुरी), मोहित कुमार उर्फ सुमित (एटा, उत्तर प्रदेश), अमित यादव (जगतपुरी), अंकित (त्रिलोकपुरी), हिमांशु गुप्ता (बुलंदशहर), रोहित वर्मा (ग्रेटर नोएडा), यारिस मिनहाज (अमरोहा) हैं। साथ ही छह अन्य युवतियां हैं।

24 जनवरी को एक युवती ने एनसीआरपी पोर्टल पर बताया कि उसने शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम पर अपने निजी जानकारी अपलोड की थी। तीन दिन बाद प्रिया नाम की एक युवती ने नौकरी की पेशकश के साथ उससे संपर्क कर 500 रुपये मांगे, उक्त रकम बाद में वापस कर देने की बात कही। इस पर उसने भुगतान कर दिया।

इसके बाद अतुल बताने वाले एक युवक ने फोन पर ही उसका साक्षात्कार लिया उसके बाद प्रशिक्षण के लिए 3,999 की डिमांड की। इसका भुगतान भी उसने कर दिया। फिर उसे नौकरी का प्रस्ताव वाला ई-मेल मिला, जिसमें प्रिया ने दस्तावेज सत्यापन के लिए 7,500 मांगे और बाद में अतुल ने लैपटॉप सहित नौकरी किट के लिए 7,250 मांगे। दोनों राशि का भुगतान कर दिया गया। अंत में प्रिया ने वेतन खाता खोलने के लिए 11,000 मांगे।

इससे युवती को कुछ संदेह हुआ कि उसे नौकरी के अवसर की आड़ में धोखा दिया जा रहा है, उसने आगे भुगतान करने से मना कर दिया और नई दिल्ली के साइबर सेल थाने में शिकायत कर दी

पुलिस टीम को जांच में मोबाइल नंबर और आइएमइआइ निष्क्रिय मिले। एक बैंक खाताधारक से पूछताछ में पता चला कि सुमित नाम का युवक अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर उसके भतीजे से मिला था और उसी ने बैंक खाता खुलवाया था।

नोएडा में उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक के एटीएम के माध्यम से खाते से रुपये निकाले गए। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से पता चला कि एक नकाबपोश व्यक्ति ने निकासी की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता की प्रोफाइल तक पहुंचने वाले भर्तीकर्ताओं के विवरण के लिए शाइन डॉट कॉम से संपर्क किया गया। एक प्रोफाइल संदिग्ध पाई गई और उसे तकनीकी निगरानी में रखा गया। भर्तीकर्ता के सीडीआर, आइपी पते और स्थान डाटा के विश्लेषण से एटीएम फुटेज में देखे गए संदिग्ध की पहचान हुई।

संदिग्ध नोएडा के सेक्टर-तीन स्थित एक इमारत में काम करता था। वहां छापा मार 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। ये सभी काल सेंटर संचालित करते पाए गए। इनके पास से अपराध में इस्तेमाल आठ लैपटाप, 47 मोबाइल, 57 सिम कार्ड, ठगी गई रकम को निकालने में इस्तेमाल 15 डेबिट कार्ड, पीड़ित की प्रोफाइल तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल किए गए दो वाई-फाई डोंगल, 1,31,500 रुपये नकद बरामद किए गए।

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