Rajya Sabha: राज्यसभा में बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की विदेश और रक्षा नीति पर विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया. जयशंकर ने कहा कि भारत ने निर्धारित लक्ष्यों पर सटीक कार्रवाई की और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के किसी भी नेता ने भारत पर दबाव नहीं डाला.
इसी दौरान विदेश मंत्री जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जवाब दे रहे थे, तभी विपक्षी नेता हंगामा करने लगे. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को टोकते हुए कहा, ”मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें. 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक बार भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत नहीं हुई थी.”
यूट्यूब पर जाएं और देखें– एस जयशंकर
एस जयशंकर ने राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर कहा कि जिसको भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर शक है वो यूट्यूब पर जाएं और देखें किसका अंतिम संस्कार हो रहा है. विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद पर भारत के जवाब को पूरी दुनिया ने देखा. पहलगाम हमला पूरी तरह अस्वीकार्य, लक्ष्मण रेखा लांघी गई, दोषियों को जवाबदेह ठहराना और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है. आतंकवाद को रोकना हमारा ‘ग्लोबल एजेंडा’ है. हमने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए, हमने हर मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब किया.
आतंकी हमला पूरी तरह अस्वीकार्य
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला पूरी तरह अस्वीकार्य था.उन्होंने कहा कि इस हमले में लक्ष्मण रेखा लांघी गई और 26 बेकसूर लोगों को उनका धर्म पूछ-पूछ कर मौत के घाट उतार दिया गया. उन्होंने कहा कि इस हमले के दोषियों को जवाबदेह ठहराना और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक था.
पीएम मोदी के सरकार में बदली दिशा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले दशक से पीएम मोदी के सरकार ने आतंकवाद को लेकर कई सारी चीजें बदली हैं. हमलोगों ने आतंकवादी को ग्लोबल एजेंडा बनाया है. इस तरह से हम कह सकते हैं कि अगर आज आतंकवाद के बारे में विश्व के किसी भी मंच पर चर्चा करते हैं तो वह पीएम मोदी की वजह से मुमकिन हो सका है. हम लोगों ने मसूद अजहर और अब्दुल रहमान मक्की जैसे खतरनाक आतंकवादियों को यूनाईटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में रखने में कामयाब रहे हैं.
पीएम मोदी सरकार ने दिखाया बदलाव
डॉ. जयशंकर ने कहा कि लोगों को 60 साल तक बताया गया कि जवाहरलाल नेहरू की गलती को सुधारा नहीं जा सकता, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने दिखाया कि इसे सुधारा जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत 1947 से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है और खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे. डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत पिछले एक दशक में कई वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के मुद्दे को वैश्विक एजेंडे में रखने में सक्षम रहा है. उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले के पीछे द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का हाथ था, जिसे अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने कड़ा संदेश दिया है कि वह किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं है और वह परमाणु ब्लैकमेल को स्वीकार नहीं करेगा.
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