एजुकेशन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ग्रेजुएशन कोर्स के लिए एक नए नॉर्म्स शुरू करने जा रही है। इसके तहत अब ग्रेजुएशन कोर्स 4 साल की होगी। 4 साल पूरे करने वाले छात्रों को ऑनर्स विद रिसर्च की डिग्री मिलेगी। UGC इस नए नॉर्म्स को सोमवार को जारी कर सकता है। UGC के डॉक्यूमेंट्स में शामिल टाइटल “चार साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्रामों के लिए कोर्सेज और क्रेडिट रूपरेखा” के अनुसार छात्रों को एक कोर्स में पूरा किए गए वर्षों की संख्या के आधार पर एकेडमिक मान्यता दी जाएगी।
UGC के नए नियम के अनुसार मिलेगी एकेडमिक दर्जा –
रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र जो भी अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए शामिल होते हैं और यदि वे एक साल बाद कोर्स को छोड़ देते हैं, तो उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यदि छात्र दो साल के बाद कोर्स को छोड़ते हैं, तो उन्हें डिप्लोमा दिया जाएगा और छात्र यदि तीन साल बाद छोड़ते हैं, तो उन्हें ग्रेजुएट की डिग्री दी जाएगी। इसके अलावा UGC के अनुसार जो छात्र 4 साल के अंडर ग्रेजुएट कोर्स को पूरा करते हैं, उन्हें ऑनर्स विद रिसर्च की डिग्री दी जाएगी। प्रत्येक वर्ष को दो सेमेस्टर में बांटा गया है।
वर्तमान में ऐसे मिलती है एकेडमिक दर्जा –
वर्तमान में जो छात्र अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में शामिल होते हैं, तो उन्हें तीन साल पूरा करना होता है। यदि छात्र इन 3 सालों के बीच कोर्स को छोड़ते हैं, तो उन्हें ग्रेजुएट की डिग्री/ऑनर्स की डिग्री नहीं मिलती है। ग्रेजुएशन की डिग्री/ऑनर्स की डिग्री के लिए छात्रों को तीन साल पूरा करना होता है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत विश्वविद्यालय और कॉलेज चार साल की ग्रेजुएट डिग्री प्रदान करेंगे, जिसमें एक्जिस्ट और एंट्री विकल्प होंगे। DU और JNU सहित कई विश्वविद्यालयों ने पहले ही इस प्रोग्राम को अपना लिया है।