नई दिल्ली। देश का संविधान लागू होने के बाद सन् 1950 से 2022 के बीच देश को 14 राष्ट्रपति मिल चुके है। सभी की अपनी विषेशता और महत्ता रही। डा. एपीजे अब्दुल कलाम जिनका राजनीति से कभी कोई लेना- देना नहीं रहा।
विषुद्ध रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के माहिर मिसाइल मैन डा. कलाम राजनीतिक गलियारे में प्रवेश किये बिना ही सर्वोच्च राष्ट्रपति के पद पर प्रतिष्ठित हो गए। भारत के राष्ट्रपतियों में डा. जाकिर हुसैन, वाराहगिरि वेंट गिरि, फखरूद्दीन अली, नीलम संजीवा रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकट रमन, डा. शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी भी शामिल हैं।
देश आजादी के 75वें वर्ष के मुहाने पर खड़ा है और राष्ट्रपति का चुनाव आगामी 18 जुलाई को होगा और 21 जुलाईको यह साफ हो जायेगा कि नया महामहिम कौन होगा। गौरतलब है कि 24 जुलाई 2022 को वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा।
देश के संविधान के अनुच्छेद 52 में यह लिखा है कि भारत का एक राष्ट्रपति होगा। यद्यपि राष्ट्रपति का यह नामकरण अमेरिकी संविधान के समान है परन्तु उसके कार्य एवं शक्तियां व्यापक अंतर लिए हुए है।
भारतीय संघ की कार्यपालिका का वैधानिक प्रधान राष्ट्रपति है जबकि वास्तविक सत्ता मंत्रिपरिषद के पास होती है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। चुनाव में वोटिंगके लिए विशेष इंकवाला पेन मुहैया कराया जायेगा और वोट देने के लिए 1,2 या 3 लिखकर पसंद बतानी होगी।
संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य समेत दिल्ली और पुडुचेरीके चुने हुए विधायक राष्ट्रपति के चुनाव में भागीदारी करते हैं।
वोटों की गणित:-
केन्द्र की एनडीए सरकार के पास राष्ट्रपति चुनने के लिए उसके पास 5 लाख 26 हजार वोट हैं लेकिन जरूरी मत में 13 हजार वोटों की कमी है। राष्ट्रपति चुनाव 2022 के वोटों के गणित को समझें तो देश के सभी राज्यों में कुल 4790 विधायक हैं जिनके वोटों का मूल्य 542306 होता है।
इसी प्रकार कुल सांसदों की संख्या 767 है जिनके वोटों का कुल मूल्य भी करीब 536900 बैठता है। इस तरह राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल वोट लगभग 10.8 लाख (10,79,206 ) हैं। इसमें सत्ताधारी एनडीए के पास 5,26,420 वोट हैं। वहीं यूपीए के हिस्से में 2,59,892 वोट हैं। इसी प्रकार तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआरसीपी, बीजेडी और समाजवादी पार्टी सहित लेफ्ट के पास 2,92,894 वोट हैं। सत्ताधारी एनडीए को अपने उम्मींदवार को राष्ट्रपति बनाने में बहुत मुश्किल