नई दिल्ली। भारत में जल्द ही वायुमंडलीय जानकारी जुटाने के लिए ड्रोन का सहारा लिया जायेगा, जिससे मौसम विभाग का समय और संसाधन, दोनों बचेगा। अभी दिन में दो बार देश के करीब 55 स्थानों से सेंसरयुक्त गुब्बारे उड़ाकर मौसम के आंकड़े लिए जाते हैं।
एक बार उड़ान भरने के बाद ये गुब्बारे और इनमें लगे दूरमापी उपकरण रेडियोसॉन्ड मौसम विभाग को वापस नहीं मिल पाते क्योंकि वे संबंधित मौसम केंद्रों से बहुत दूर चले जाते हैं। आईएमडी रोजाना 100 से ज्यादा उपकरण गंवा देता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन के अनुसार, मौजूदा परिस्थिति के मद्देनजर हम अब वायुमंडलीय आंकड़े जुटाने के लिए ड्रोनों का उपयोग करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं, जो मौसम भविष्यवाणी के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।