नौशेरा में पीएम मोदी ने जवानों को किया संबोधित

जम्‍मू-कश्‍मीर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में जवानों के बीच आठवीं बार दिवाली मनाने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने नौशेरा पहुंचकर जवानों को संबोधित भी किया। पीएम ने जवानों के शौर्य को याद किया। साथ ही दिवाली के मौके पर सैनिकों को प्रभु श्रीराम की लंका जीत का उदाहरण देकर भारतीय सेना के मानवता की रक्षा के मंत्र को दोहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीच विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया मोदी ने कहा कि पहले भारत को रक्षा जरूरतों के लिए विदेश पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब जरूरत का सामान देश में ही उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं देकर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज शाम को दिवाली पर एक दीया आपकी वीरता, आपके शौर्य, आपके पराक्रम, आपके त्याग और तपस्या के नाम पर जलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साथियों आज मेरे सामने देश के जो वीर हैं। देश की जो वीर बेटियां हैं। वो भारत मां की ऐसी सेवा कर रहे हैं, जिसका सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता, सिर्फ किसी-किसी को मिलता है। मैं देख रहा हूं, महसूस कर रहा हूं, आपके चेहरे के उन मजबूत भावों को देख रहा हूं। आप संकल्पों से भरे हुए हैं। यही आपका संकल्प है। यही आपके पराक्रम की पराकाष्ठा करने की भावना है। चाहे हिमालय हो, रेगिस्तान हो, बर्फीली चोटियां हों या गहरा पानी हो। कहीं भी आप मां भारती का जीता-जागता सुरक्षा कवच हैं। 130 करोड़ भारतवासियों को भरोसा है कि वह चैन की नींद सो सकते हैं। आपके पराक्रम की वजह से हमारे पर्वों में प्रकाश फैलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दौरे को लेकर कहा कि जब मैं नौशेरा में उतरा, तब अलग ही रोमांच से मेरा मन भर गया। यहां का इतिहास भारतीय सेना की वीरता का जयघोष करता है। हर चोटी से वह जयघोष सुनाई देता है। यहां का वर्तमान आपके जैसे वीर जवानों की वीरता का जिंदा सबूत है। नौशेरा में हर युद्ध का, हर छद्म का, हर षड़यंत्र का माकूल जवाब देकर कश्मीर की रक्षा का काम किया गया। आजादी के बाद से ही दुश्मनों ने इस पर नजर गड़ा कर के रखी थी। नौशेरा पर हमला हुआ, दुश्मनों ने इस पर ऊंचाई से नजर गढ़ा कर रखी थी। लेकिन नौशेरा के वीरों की हिम्मत के आगे सारी साजिश धरी की धरी रह गई। भारतीय सेना की ताकत क्या होती है इसका अहसास दुश्मन को शुरुआती दिनों में ही लग गया था। “सर्जिकल स्ट्राइक में यहां की ब्रिगेड ने जो भूमिका निभाई, वह हर देशवासी को गौरव से भर देता है। मैंने उस दिन तय किया था कि सभी लोग सूर्यास्त से पहले लौट आएं। मैं उस दिन फोन से ही संपर्क में रहा। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यहां अशांति फैलाने के कई प्रयास हुए और हो रहे हैं, लेकिन हर बार आतंकवाद को मुहंतोड़ जवाब मिलता है। मैं मानता हूं कि यह अपने आप में बड़ी प्रेरणा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीच पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सेना से जुड़े संसाधनों को लेकर मान लिया गया था कि हमें जो कुछ भी मिलेगा, विदेशों से ही मिलेगा। हमें तकनीक के लिए झुकना पड़ता था, ज्यादा पैसे देने पड़ते थे। यानी एक अफसर जो फाइल शुरू करे वो रिटायर हो जाए, लेकिन काम नहीं पूरा होता था। ऐसे में जरूरत के समय हथियार आपाधापी में खरीदे जाते थे। यहां तक कि स्पेयर पार्ट्स के लिए हम विदेश पर निर्भर थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समस्या के समाधान पर भी बात की और कहा, “देश के रक्षा खर्च के लिए जो बजट होता है, उसका 65 फीसदी देश में भीतर ही खरीदी पर खर्च हो रहा है। भारत ने यह भी तय किया है कि 200 से ज्यादा साजो-सामान और उपकरण अब देश के भीतर ही खरीदे जाएंगे। अगले कुछ महीनों में इसमें और सामान जुड़ने वाले हैं। इसे देखकर डिफेंस सेक्टर मजबूत होगा। नए हथियारों और उपकरणों के निर्माण के लिए निवेश बढ़ेगा। आज हमारे यहां अर्जुन टैंक और तेजस जैसे लाइट एयरक्राफ्ट बन रहे हैं। हमारी जो ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां थीं, अब वे स्पेशलाइज्ड इक्विपमेंट बनाएंगी। विजयदशमी के दिन 7 ‘डिफेंस कंपनियों’ को राष्ट्र को समर्पित किया गया। पीएम ने भारत की रक्षा क्षमता बढ़ाने पर कहा कि यूपी और तमिलनाडु में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर इस कोशिश को और तेज करने वाले हैं। ये भारत के डिफेंस एक्सपोर्टर के रूप को और मजबूत करने वाले हैं। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जो समर्थ होता है, उसके लिए अति भाव मायने नहीं रखता। वह सहज ही अपने संकल्पों को सिद्ध करता है। इसलिए आज हमें बदलती दुनिया, युद्ध के बदलते स्वरूप के साथ बढ़ाना है उसे तैयारी के साथ ढालना भी है। हमें मालूम है कि किसी समय हाथी-घोड़े पर लड़ाई होती है। अब कोई सोच नहीं सकता। पहले युद्ध का रूप बदलने में दशकों-सदियां लग जाती थीं। लेकिन अब सुबह कुछ और युद्ध कला होगी, शाम को कुछ और युद्ध कला होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब आज लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, जैसलमेर से लेकर अंडमान-निकोबार तक हमारे समुद्री तट में जहां सामान्य कनेक्टिविटी भी नहीं होती थी, वहां ऑप्टिकल फाइबर से लेकर आधुनिक सड़कें बनाई जा रही हैं। यहां से सैनिकों को भी काफी सुविधाएं मिल रही हैं। बीते सात सालों में नारी शक्ति को हर क्षेत्र में बढ़ाने का काम किया गया है। रक्षा क्षेत्र में भी बेटियों की भागीदारी अब नई बुलंदियों की तरफ बढ़ रही है। नेवी और एयरफोर्स के बाद अब आर्मी में भी महिलाओं की भूमिका का विस्तार हो रहा है। अब महिलाओं को परमानेंट कमीशन से लेकर एनडीए में भी मौके दिए जा रहे हैं। मैंने 15 अगस्त को एलान किया था कि अब बेटियों को सैनिक स्कूलों में पढ़ाई का मौका मिलेगा। इस पर भी काम शुरू हो गया है। “भारत की सेना दुनिया की किसी भी सेना से अलग है। आप प्रोफेशन फोर्स तो हैं हीं। आपके संस्कार और मूल्य बाकियों से अलग व्यक्तित्व के धनी बनाते हैं। आपके लिए सेना में आना एक नौकरी नहीं है, पहली तारीख को तनख्वाह आएगी आप इसलिए नहीं आए हैं। आपके लिए सेना में आना एक साधना है। जैसे कभी ऋषि मुनि साधना करते थे न। मैं उसी साधक को आपके अंदर देख रहा हूं। आप मां भारती की साधना कर रहे हैं। जैसे आपके अंदर 130 करोड़ भारतीयों की जिंदगी समाहित है। हम तो प्रभु राम में आदर्श खोजने वाले लोग हैं। सोने और समृद्धि से भरपूर लंका को हमने जीता जरूर है, लेकिन हमारी लड़ाई मानवता की रक्षा के लिए थी। हमारे लिए हमारी जन्मभूमि ही सबकुछ है, इसलिए हमें वहीं लौटकर जीना है। इसलिए जब भगवान राम लौटकर आए तो अयोध्या ने उनका स्वागत मां के रूप में किया। पूरे भारतवर्ष ने उनका स्वागत दिवाली के साथ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि हमारी सेनाएं सिर्फ सीमाओं पर ही पराक्रम नहीं दिखातीं। हमारी सेनाएं बीमारी, आपदा और महामारी में भी मैदान पर उतर आती हैं। जहां कोई न पहुंचे वहां भारत की सेनाएं पहुंचे। हर हिंदुस्तानी के मन में यही भाव है। एक भाव है- अरे ये आ गए न, अब कोई चिंता नहीं है। मुझे विश्वास है कि आपके शौर्य की प्रेरणा से हम हिंदुस्तान को शिखर पर ले जाएंगे। आप जैसे बेटे-बेटियों को जन्म देने वाली माताओं को भी मेरा प्रणाम है।

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