नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगले सप्ताह होने वाले शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से पहले ही कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पड़ोसी मुल्क के साथ जुड़ना बेहद ही मुश्किल है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद को पोषित करने वाले मुल्क पाकिस्तान की निंदा की। इस आतंकी हमलें में पांच भारतीय सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तानी मीडिया के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि बिलावल भुट्टो बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत का दौरा करेंगे, लेकिन अभी यह बात पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।
एससीओ एक क्षेत्रीय राजनीतिक और सुरक्षा ब्लॉक है जिसके सदस्यों में रूस, चीन, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं। इस बैठक की मेजबानी भारत कर रहा है। यह विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। गोवा में 5 मई की इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रूस के सर्गेई लावरोव और चीन के किन गैंग भी शामिल होंगे। इसमें द्विपक्षीय बैठकें भी होने की उम्मीद है, लेकिन बिलावल के साथ ऐसी बैठक को लेकर अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच शिष्टाचार मुलाकात की संभावना पूरी तरह से खारिज नहीं की गई है।
जरदारी की भारत यात्रा 2014 में नवाज शरीफ के बाद किसी पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा होगी. फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में नई दिल्ली द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे। भारत द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर की विशेष शक्तियों को वापस लेने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद से संबंध और बिगड़ गए थे।