उज्जैन। पीएम मोदी मंगलवार को उज्जैन में द्वादश ज्योर्तिलिंगों में प्रमुख महाकाल शिव के ‘श्री महाकाल लोक’ के कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। पवित्र क्षिप्रा नदी के तट पर बसे उज्जैन का श्री महाकाल लोक, भोले के भक्तों के स्वागत के लिए तैयार है। अब पार्किंग से लेकर महाकाल दर्शन तक पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे। यहां एक घंटे में 30 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे।
महाकालेश्वर मंदिर का यह नया स्वरूप भारत की ऐतिहासिक व सभ्यतागत राष्ट्र की यात्रा में एक महत्वपूर्ण घटना है। इसके दो कारण हैं। पहला, आस्था और भक्ति पर आधारित। महाकालेश्वरजी, भगवान शिव की पूजा के लिए विख्यात ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख हैं। इस मंदिर को मध्यकाल में आक्रमणों का सामना करना पड़ा था। स्कंद पुराण में उल्लेखित रुद्रसागर झील भी प्रदूषित पानी का तालाब बन गयी थी।
एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भगवान शिव के महान मंदिर को फिर से जीवंत करने की चुनौती स्वीकार की। यथोचित मुआवजे के बाद अतिक्रमणों को शांतिपूर्वक हटाया गया। इस पूरे नवीनीकरण में मंदिर परिसर का भव्य विस्तार व कलात्मक सौंदर्यशास्त्र ही नहीं, दर्शनार्थियों व पैदल यात्रियों की भीड़ का कुशल प्रबंधन भी है। उज्जैन के मुख्य भागों में सुगम यातायात व्यवस्था, वाहन पार्किंग की विकेंद्रीकृत प्रणाली, जन सुरक्षा हेतु नवीनतम उपकरण और सॉफ्टवेयर, यह सब श्री महाकाल लोक को सुंदरता के साथ दक्षता प्रधान करते हैं। प्रदूषण- व ध्वनि-रहित ई-रिक्शा और पर्याप्त चार्जिंग केंद्र होंगे। साथ ही सौर पैनल बिजली की खपत को पूरा करेंगे।
शिवजी के इस धाम में एक अद्भुत परिवर्तन हुआ है। भगवान शिव की कहानियों को दर्शाने वाले सुंदर पैनल चारों ओर हैं। भगवान शिव और माता पार्वती व उनकी संतान भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की जीवंत पारिवारिक मूर्तियां दिल को छू लेंगी। शिव-पार्वती विवाह, त्रिपुरासुर वध, तांडव स्वरूप की छवियां और सप्तऋषियों की मूर्तियां प्रफुल्लित करती हैं।