नई दिल्ली। राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने की खबरों के बाद राजनीति शुरू हो गई है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का एक ट्वीट सामने आया है। उन्होंने लिखा है, यह क्या हो रहा है?
उन्होंने ट्वीट किया, यह क्या हो रहा है? क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना एक मात्र कर्तव्य बना लिया है। क्या उनके महापाप और पागलपन में हमारी विरासत का इतिहास फिर से लिखा जाएगा, सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसे राजपथ का नाम बदलकर ‘राजधर्म पथ’ करना चाहिए था, जिससे अटल बिहारी वाजपेयी जी की आत्मा को शांति मिलती। वहीं दूसरी तरफ पार्टी के ही नेता मिलिंद देवड़ा ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कार्तव्य पथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर की ओर जाने वाली सड़क का उपयुक्त नाम है। जानकारी के मुताबिक एनडीएमसी ने सात सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है। इस दौरान नाम बदलने के प्रस्ताव को परिषद के सामने रखा जाएगा।
एनडीएमसी ने यह बैठक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कार्तव्यपथ करने के उद्देश्य से ही बुलाई है। इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की पूरी सड़क और क्षेत्र कार्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा। ब्रिटिश शासन के दौरान राजपथ को किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी आठ सितंबर की शाम पूरे क्षेत्र का उद्धाटन करेंगे।