जिला सुशासन सूचकांक में पुलवामा अव्‍वल

जम्मू। जम्मू-कश्मीर में जिला सुशासन सूचकांक की रैकिंग में इस बार पुलवामा ने बाजी मार ली है। इस सूचकांक के पहले संस्करण में अव्‍वल रहने वाला जम्मू इस बार टॉप फाइव में भी जगह नहीं बना पाया है। जम्मू जिले को छठवां स्थान मिला है।

सर्वश्रेष्ठ पहले पांच जिलों में पुलवामा पहले पायदान पर है जबकि सांबा दूसरे, डोडा तीसरे, शोपियां चौथे और बडगाम पांचवे स्थान पर है। खास बात है कि डोडा और सांबा जिला पिछले सूचकांक में टॉप तीन में थे और इस बार भी यह दोनों जिले टॉप तीन में शामिल हैं।

जिला सुशासन सूचकांक को जिला स्तर की प्रशासनिक व्यवस्था का आकलन करने के बाद जारी किया जाता है। इसमें दस क्षेत्रों की 58 कसौटियों पर प्रदर्शन देखा जाता है। इसमें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, उद्योग, मानव संसाधन विकास, जन स्वास्थ्य, लोक आधारभूत ढांचा व सुविधाएं, वित्तीय समावेश, समाज कल्याण एवं विकास, न्यायिक एवं जन सुरक्षा, पर्यावरण और नागरिक केंद्रित शासन शामिल हैं।

सेक्टरवार प्रदर्शन में श्रीनगर ने जन आधारभूत ढांचा व सुविधाओं और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में पहला स्थान हासिल किया है। डोडा ने उद्योग और पर्यावरण क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ रहा है। पुलवामा ने मानव संसाधन, न्यायपालिका और पब्लिक सेक्टर में पहला स्थान लिया है।

राजोरी ने जन स्वास्थ्य, रामबन ने समाज कल्याण, गांदरबल ने वित्तीय समावेशन, सांबा ने नागरिक केंद्रित सुशासन, शोपियां और किश्तवाड़ जिलों ने पर्यावरण सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।

पुलवामा जिले को आतंक का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता था। लंबे समय तक सरकारी व्यवस्था पुलवामा जिले में पटरी से उतरी रही, लेकिन अनुच्छेद 370 और 35-ए हटने के बाद आतंक के इस इस गढ़ ने मिथक तोड़ने शुरू कर दिए। पुलवामा की पहचान अब सुशासन के लिए हो रही है।

जिला सुशासन सूचकांक के पहल साल की रैकिंग में पुलवामा ने कश्मीर संभाग में टॉप करते हुए पहला स्थान हासिल किया था। इसमें और सुधार करते हुए पुलवामा ने 10 कठिन कसौटियों पर खरा उतरकर पूरे प्रदेश में पहला स्थान कब्जा लिया है। दिलचस्प है कि पुलवामा ने जम्मू-कश्मीर के शीतकालीन राजधानी जिला जम्मू को पांच पायदान पीछे छोड़ा है।

 

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