नई दिल्ली। पहली बार वैज्ञानिकों ने मानव हृदय की कोशिकाओं से कृत्रिम मछली बनाने के सफल प्रयोग को अंजाम दिया है। इस मछली में जलीय जीव वाले सभी गुण पाए गए। वैज्ञानिकों ने इसी के साथ मशीन और मानव कोशिकाओं के सामंजस्य का रास्ता साफ कर लिया है।
वैज्ञानिकों ने हार्वर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज में डिजीज बायोफिजिक्स की टीम के प्रयोगशाला में इंसानी हृदय की कोशिकाओं को बनाया था। उसी की मदद से कृत्रिम मछली तैयार को तैयार किया गया। वैज्ञानिकों ने पहले पेपर, प्लास्टिक, जिलेटिन और हार्ट सेल की दो स्ट्रिप से मछली की आकृति बनाई गई। एक स्ट्रिप की मसल्स सिकुड़ने से दूसरी स्ट्रिप फैलती थी। इससे मछली आसानी से तरल में तैर पाती थी।
प्रो. पार्कर के मुताबिक मछली का तैरना काफी लयबद्ध तरीके से होता था। तरल में पोषक तत्व डाले गए। वैज्ञानिकों का कहना था कि उन्हें मछलियों के ज्यादा दिन तक जिंदा रहने के बारे में ज्यादा भरोसा नहीं था। उन्होंने इन्क्युबेटर को बंद कर दिया। जब तीन माह के बाद उन्होंने इन्क्युबेटर को खोला तो पाया कि ये मछलियां आराम से तैर रही थीं।