नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन में आठ देशों के विदेश मंत्रियों के दो दिवसीय बैठक का आज दूसरा दिन है। इस बैठक के दौरान भाषा को लेकर भी चर्चा हुई। कुछ सदस्यों ने रूसी और चीनी के अलावा अंग्रेजी भाषा में बैठक करने पर जोर दिया है। वहीं विदेश मंत्रालय के सचिव ईआर दम्मू रवि ने कहा कि विदेश मंत्रियों के मुख्य फोकस में उस निर्णय की स्थिति शामिल है जिसे जुलाई में शिखर सम्मेलन में अनुमोदित किया जाएगा। साथ ही ईरान और बेलारूस को समूह के पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार करने की प्रगति शामिल है।
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी आज गोवा पहुंचेंगे। वह शंघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने गोवा पहुंचने से पहले कहा कि बैठक में भाग लेने का मेरा निर्णय एससीओ के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा के लिए तत्पर हूं।
सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एससीओ महासचिव झांग मिंग विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ बैठक करने के दौरान एससीओ को मजबूत करने में भारत की भूमिका के बारे में बहुत सकारात्मक थे।
एससीओ बैठक के दौरान भाषा को लेकर भी चर्चा हुई। कुछ सदस्यों ने रूसी और चीनी के अलावा अंग्रेजी भाषा में बैठक करने पर जोर दिया है। बता दें, भारत 2 कार्य समूहों का नेतृत्व करेगा नवोन्मेष और स्टार्टअप और पारंपरिक चिकित्सा।