पराली जलाने के कारण खराब हो रही है राजधानी की हवा: पर्यावरण मंत्री

नई दिल्ली। दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में जैसे-जैसे पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इस समय दिल्ली में वायु प्रदूषण 473 अंक के आसपास बनी हुई है, जिसमें सांस लेना बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मांग की है कि दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों की आपातकालीन बैठक बुलाई जाए और इस संकट से निबटने के लिए एक उचित उपाय अपनाया जाए। रविवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि नासा से प्राप्त चित्रों से यह बात साबित होती जा रही है कि जैसे-जैसे पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, वैसे-वैसे राजधानी की हवा प्रदूषित होती जा रही है। राजधानी के करोड़ों लोगों को इस प्रदूषण से बचाना दिल्ली के साथ-साथ केंद्र सरकार और इसके पड़ोसी राज्यों की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर इन राज्यों के मंत्रियों की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं जिससे इस समस्या का समाधान खोजा जा सके। उन्होंने कहा कि नासा के सेटेलाइट से पंजाब, हरियाणा और यूपी में एक नवंबर को 2077 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं पता चलीं। दिल्ली के अपने बेस प्रदूषण के साथ उस दिन प्रदूषण का स्तर 281 था। दो नवंबर को पराली जलने की घटनाएं बढ़कर 3291 गई जिससे दिल्ली का प्रदूषण का स्तर 303 हो जाता है। तीन नवंबर को पराली जलने की जो घटनाएं 2775 और प्रदूषण का एवरेज स्तर 314 हो गई थी। चार नवंबर को पराली जलने की घटनाएं 3383 और प्रदूषण स्तर का एवरेज 382 और पांच नवंबर को पराली जलाने की घटना 5728 और प्रदूषण स्तर 462 आंका गया। जिसमें पटाखों का प्रदूषण भी शामिल हो जाता है। छः नवंबर को पराली जलने की घटनाएं 4369 होती हैं और प्रदूषण का एवरेज स्तर 437 होता है। इससे यह साबित हो रहा है कि जैसे-जैसे पराली की घटनाएं बढ़ रही हैं, राजधानी में प्रदूषण का स्तर गंभीर होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके लिए किसानों से किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए, बल्कि उन्हें पर्याप्त मुआवजा देकर पराली जलाने से रोका जाना चाहिए।

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