Sunil Ojha Death: पीएम मोदी के करीबी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुनील ओझा (Sunil Ojha Death) का बुधवार को निधन हो गया है. डेंगू होने से उन्हें वाराणसी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर होने के कारण दिल्ली रेफर कर दिया गया. उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली.
Sunil Ojha Death: पीएम मोदी के मिस्टर भरोसेमंद
सुनील ओझा मूल रूप से गुजरात के भावनगर निवासी थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे. वे भावनगर दक्षिण से भाजपा के विधायक भी रह चुके थे. वह काशी क्षेत्र के पूर्व संयोजक भी रह चुके थे. साल 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, तब सुनील ओझा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए गुजरात से वाराणसी पहुंचे थे. इसके बाद वह यहीं रह गए. बता दें कि सुनील ओझा पहले यूपी के सहप्रभारी थे. कुछ महीने पहले ही उनका यूपी से बिहार ट्रांसफर हो गया था. सुनील ओझा को पीएम मोदी का ‘मिस्टर भरोसेमंद’ कहा जाता था.
ऐसे बने पीएम के करीबी
जब पीएम मोदी ने पहला चुनाव 2002 में लड़ा था, तब राजकोट में उनके चुनाव के प्रभारी सुनील ओझा ही थे. यहीं से सुनील ओझा ने अपनी सूझबूझ और मेहनत से अपनी मिस्टर भरोसेमंद की छवि गढ़ी थी. कहा जाता है कि सुनील ओझा का पीएम मोदी से इससे भी पुराना रिश्ता है. जब पीएम मोदी संगठन महामंत्री थे, तब से ओझा का उनसे परिचय है.
जेपी नड्डा ने जताया दुख
उनके निधन पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, बिहार भाजपा के सह-प्रभारी सुनील ओझा जी का असामयिक निधन अत्यंत दुःखद है. ओझा जी का संपूर्ण जीवन जनसेवा और संगठन को समर्पित रहा. उनका जाना बीजेपी परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहन संवेदना प्रकट करता हूँ और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवार से प्रार्थना करता हूँ.
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