सुप्रीम कोर्ट ने नीट एसएस 2021 के पैटर्न में अंतिम समय में बदलाव को लेकर जताई सख्त नाराजगी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीट एसएस के सिलेबस में अंतिम समय में किए गए बदलाव को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह युवा डॉक्टरों को सत्ता के खेल में फुटबॉल न बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातकोत्तर सुपर स्पेशियलिटी 2021 के पैटर्न में अंतिम समय में बदलाव किए जाने को लेकर सख्त नाराजगी जताई। इसके साथ ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड व जस्टिस बीवी नागरत्न की पीठ ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार इस मामले से जुड़े सभी संबंधित प्राधिकारियों के साथ बैठक कर चार अक्तूबर तक जवाब पेश करे। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्न ने कहा कि इन युवा डॉक्टरों से फुटबॉल की तरह व्यवहार न करें, हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। आप अपनी व्यवस्थाएं सुधारिये, यदि किसी के पास ताकत हैै तो वह उसका मनचाहा इस्तेमाल नहीं कर सकता। यह उनके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आप अंतिम समय में बदलाव नहीं कर सकते। अंतिम समय में बदलाव करने के कारण इन युवा डॉक्टरों के साथ छल हो सकता है। नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन (एनबीई) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिन्दर सिंह से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने सवाल किया कि क्या इस बदलाव से पहले नोटिस जारी किया गया था? क्या इन परिवर्तनों को अगले साल से नहीं किया जा सकता। मामले में 20 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को नोटिस जारी किया था। इसके साथ ही अगली सुनवाई 27 सितंबर को तय की थी। अचानक किए गए बदलाव के खिलाफ 41 पीजी डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी दलील है कि यह बदलाव जनरल मेडिसीन कैंडिडेट्स के पक्ष में किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका पर आगे सुनवाई की। याचिकाकर्ता डॉक्टर NEET-SS 2021 को पास कर सुपर-स्पेशलिस्ट बनना चाहते हैं।

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