सर्दियों में ऊर्जावान बने रहने के लिए करें सूर्य नमस्कार

फिटनेस। सूर्य नमस्‍कार संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसे हर उम्र के लोग कर सकते हैं। यह शरीर को ऊर्जावान बनाता है और शरीर में ब्‍लड सर्कुलेशन को भी बेहतर रखने में मदद करता है। यह एक शक्तिसंवर्धन योगाभ्‍यास है जो एनर्जी बढ़ाने के साथ-साथ कई लाभ देता है। इसका अभ्‍यास हर उम्र के लोग कर सकते हैं। हालांकि इसे करने से पहले कुछ जरूरी सावधानियों को जान लेना जरूरी है।

इन बातों का रखें ध्‍यान:-

सूर्य नमस्‍कार का अभ्‍यास करते वक्‍त अगर आपके कमर में दर्द महसूस हो रहा है तो आप पाद्हस्‍तासन यानी आगे की तरफ पूरी तरह झुकने का प्रयास ना करें। ऐसा करने से दर्द और बढ़ सकता है। इसके अलावा, अगर आपके घुटनों में दर्द है तो आप घुटनों के नीचे तौलिया रखकर इसका अभ्‍यास करें। अगर आप हार्ट पेशेंट हैं तो सूर्य नमस्‍कार का अभ्‍यास धीमी गति से करें। डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही इसका अभ्‍यास करें। अभ्‍यास के दौरान अधिक पानी ना पियें।

इस तरह करें सूर्य नमस्‍कार:-

प्रणामास:-

अपने मैट पर कमर, गर्दन सीधा करते हुए तन कर खड़े हो जाएं। दोनों हथेलियों को मिलाएं और अंगूठों को गर्दन के बराबर रखते हुए सूर्य की लालिमा को ध्‍यान में रखते हुए हाथों को मिलाकर प्रणाम की मुद्रा बनाएं। गहरी सांस लें।

हस्तउत्तनासन:-

गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को आगे से उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं। हाथों से प्रणाम करने की मुद्रा बनाते हुए पीछे की तरफ हल्‍का झुकने का प्रयास करें।

पादहस्तासन:-

अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए टेबल टॉप पोजीशन बनाते हुए आगे की ओर पूरी तरह से झुकें। अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस मुद्रा में अपने सिर को घुटनों से मिलाने का प्रयास करें।

अश्व संचालनासन:-

अब गहरी सांस लेते हुए एक पैर को पीछे की तरफ ले जाते हुए घुटना जमीन पर रखें। अब दूसरे पैर को मोड़ें और अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें। सिर को आगे की तरह रखें और ऊपर उठाते हुए सामने की ओर देखें।

दंडासन:-

अब गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा करें और एक लाइन में रखें। अब पुशअप करने की अवस्था में आ जाएं। कुछ देर इसी तरह होल्‍ड करें। इसे संतुलनासन भी कहा जाता है।

अष्टांग नमस्कार:-

अब धीरे से अपनी हथेलियों, सीना, घुटने और पैरों को जमीन से सटाएं और इसी अवस्‍था में होल्‍ड रहें।

भुजंगासन:-

अब अपनी दोनों हथेलियों को जमीन पर रखते हुए दोनों हाथों के बीच से शरीर के अगले हिस्‍से को आगे की तरफ उठाकर रखें।

अधोमुख शवासन:-

अब अपने दोनों पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। अपने कंधों को सीधा रखते हुए अपनी नाभी की तरफ देखें। अब ये सारी प्रक्रिया को उल्‍टा दोहराएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *