नई दिल्ली। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें विभिन्न दलों के सदन के नेताओं ने भाग लिया। बैठक में सदन का कार्य सुचारू रूप से सुनिश्चित करने, सत्र के दौरान विधायी कार्यों सहित इससे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो सकती है। 7 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र से शुरू हो रहा है। यह 29 दिसंबर तक चलेगा। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक करेंगे।
राज्यसभा सदस्यों के लिए आचार संहिता जारी –
राज्यसभा सचिवालय ने शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता जारी की है। इनमें कहा गया कि किसी समिति की कार्यवाही को गोपनीय माना जाएगा और यह समिति के किसी सदस्य या किसी ऐसे व्यक्ति के लिए स्वीकार्य नहीं होगा, जिसके पास अपनी कार्यवाही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मीडिया को सूचित करने की अनुमति है। बयान के मुताबिक, प्रक्रिया के नियमों और कार्य-संचालन सूची में कहा गया है कि राज्यसभा के सदस्यों को जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करना चाहिए और लोगों की भलाई के लिए अपने जनादेश का निर्वहन करने के लिए लगन से काम करना चाहिए।
दोनों सदनों के नेताओं को किया गया आमंत्रित –
इस बैठक के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी के उपस्थित रहने की संभावना है। कहा गया है कि संसद के शीतकालीन सत्र में लिये जाने वाले संभावित विधायी कार्यों एवं महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिये सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की है।