जयपुर। श्रीराम रघुवंशी के थे। इस वंश की जड़ें इक्ष्वाकु और विवस्वान (सूर्य) से जुड़ी रही हैं। राम के बाद लव और कुश ने इस वंश आगे बढ़ाया। अब राम के वंशज कहां हैं? क्या वो आज भी हैं? वो लोग कौन हैं, जो खुद को उनका वंशज मानते हैं.
राम ने कुश को दक्षिण कौशल, कुशस्थली (कुशावती) और अयोध्या राज्य सौंपा तो लव को पंजाब। लव ने लाहौर को राजधानी बनाया। तक्षशिला में भरत पुत्र तक्ष और पुष्करावती (पेशावर) में पुष्कर को राज मिला। तथा हिमाचल में लक्ष्मण पुत्रों का शासन था। मथुरा में शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु को दिया गया तो उनके दूसरे पुत्र शत्रुघाती का भेलसा (विदिशा) के सिंहासन पर बिठाया गया।
लव तथा कुश वंश से कौन सा वंश चला
राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ, जिनमें बड़गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला। इसकी दूसरी शाखा थी सिसोदिया राजपूतों, वंश की जिनमें बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश के राजा हुए। कुश वंश से ही कुशवाह, मौर्य, सैनी, शाक्य संप्रदाय की स्थापना मानी जाती है। सूर्य वंश भी कुश से निकली शाखाओं से निकला। कुश की ही 50वीं पीढ़ी में शल्य हुए, जो महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़े. कुश महाभारतकाल के 2500 वर्ष पूर्व से 3000 वर्ष पूर्व हुए थे यानि आज से 6,500 से 7,000 वर्ष पहले। जो लोग खुद को शाक्यवंशी कहते हैं वे भी श्रीराम के वंशज हैं।
सिसोदिया, कछवाह, बैसला, शाक्य राम के वंशज
माना जाता है वर्तमान में जो सिसोदिया, कुशवाह (कछवाह), मौर्य, शाक्य, बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) आदि जो राजपूत वंश हैं वो सभी प्रभु श्रीराम के वंशज है।
जयपुर राजघराना है राम का वंशज
जयपुर राजघराना राम का वंशज है। जयपुर राजघराने की महारानी पद्मिनी और परिवार के लोग राम के पुत्र कुश के वंशज हैं। कुछ समय पहले महारानी पद्मिनी ने कहा था कि उनके पति भवानी सिंह कुश के 307वें वंशज थे।
इस घराने की बात करें तो महाराज मानसिंह द्वितीय ने तीन शादियां कीं। पहली पत्नी मरुधर कंवर, दूसरी पत्नी किशोर कंवर थीं। तीसरी पत्नी महारानी गायत्री देवी थीं। मानसिंह और उनकी पहली पत्नी से जन्मे पुत्र का नाम भवानी सिंह था। उनका विवाह राजकुमारी पद्मिनी से हुआ। दोनों का कोई बेटा नहीं है। एक बेटी है, जिसका नाम दीया है, जिनका विवाह नरेंद्र सिंह के साथ हुआ। दीया राजनीति में भी हैं। उनके दो बेटे हैं पद्मनाभ सिंह और लक्ष्यराज सिंह।
वो मुस्लिम जो खुद को राम का वंशज मानते हैं
ऐसे कई राजा और महाराजा हैं जिनके पूर्वज श्रीराम थे। राजस्थान में कुछ मुस्लिम समूह कुशवाह वंश से ताल्लुक रखते हैं। मुगल काल में इन सभी को धर्म परिवर्तन करना पड़ा लेकिन ये सभी आज भी खुद को प्रभु श्रीराम का वंशज ही मानते हैं।