रोचक जानकारी। आपने जंगल की बड़ी और खूंखार बिल्लियों के बारें मे सुना ही होगा। शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ, जैगुआर आदि जैसे जीव खतरनाक शिकारी होते हैं और भागने में भी काफी तेज होते हैं। लेकिन इनमें से सबसे तेज चीता होता है जिसकी टॉप स्पीड 101 किलोमीटर प्रति घंटे है। पर क्या आप जानते हैं कि चीता दुनिया का सबसे तेज जीव नहीं है। बल्कि वो एक चिड़िया है जिसकी टॉप स्पीड किसी स्पोर्ट्स कार से भी ज्यादा है।
पेरेग्रीन फैल्कन दुनिया का सबसे तेज जीव है जो अंटार्कटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों पर पाए जाते हैं। कुछ वर्षो पहले तक ये पक्षी विलुप्त होने के कगार पर आ गया था क्योंकि इंसानों ने डीडीटी जैसे जहरीले पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। 1972 में जब डीडीटी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया, तब फिर इस पक्षी की आबादी बढ़ने लगी।
इन्हें लंबे समय से शिकारी पक्षी के तौर पर लोग इस्तेमाल करते आए हैं। इस जीव की उम्र 19-20 साल तक की होती है और ये कमाल के शिकारी होते हैं पर सबसे ज्यादा जो चीज लोगों को हैरान करती है, वो है इनकी स्पीड। बता दें कि जहां चीता के टॉप स्पीड 101 कीलोमीटर प्रति घंटे होती है और फरारी जैसी कारें 340 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ सकती हैं, वहीं इस पक्षी की टॉप स्पीड 389 किलोमीटर प्रति घंटे है। इनकी एवरेज स्पीड 320 कीलोमीटर प्रति घंटे है।
जब ये पक्षी सीधी रेखा में लंबी उड़ान भी भरता है तो इसकी नॉर्मल स्पीड 40-55 किलोमीटर प्रति घंटे होती है। वहीं जब शिकारी से सामना होता है तो ये 112 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी उड़ने लगते हैं।
लेकिन इनकी टॉप स्पीड तब देखने को मिलती है जब आकाश से अपने शिकार को देखने के बाद ये धरती की तरफ डाइव मारते हैं और उन्हें झपटते हैं। डाइविंग के दौरान इनकी स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है और टॉप स्पीड जो अब तक दर्ज की गई है वो 389 किलोमीटर प्रति घंटे है।
हैरानी की बात ये है कि अगर इस स्पीड में कोई दूसरा जीव नीचे आए तो या उसकी गर्दन की हड्डी टूट जाएगी या अन्य पक्षी ऐसा करें तो उनके फेफड़े खराब हो जाएंगे। दरअसल, इस पक्षी की बनावट ही ऐसी है जो इसे कामयाब शिकारी बनाती है और तेज स्पीड प्रदान करती है।
इनका कद छोटा और बहेद हल्का होता है। एयरोडायनैमिक डाइविंग की वजह से ये इतनी तेज स्पीड हासिल कर लेते हैं। इस जीव की नाक के छेद की बनावट पतली हड्डी से स्पायरल आकार की बनी होती है जिसे छोटे ट्यूबर्कल्स कहते हैं। इसका फायदा ये होता है कि स्पायरल होने की वजह से हवा सीधे ना जाकर गोल घूमकर नाक में जाती है, जिससे फेफड़े खराब नहीं होते हैं और ये आसानी से तेज रफ्तार में डाइव कर लेते हैं।
पक्षी की आंखों में निक्टेटिंग मेंब्रेन होता है जो डाइव के दौरान आंखों को भी सुरक्षित रखता है। इस पक्षी की नजर भी कमाल की होती हैं। इनकी विजुअल प्रोसेसिंग स्पीड 129 हर्ट्ज है जो दूसरे किसी भी जीव की तुलना में सबसे ज्यादा है। इसी वजह से ये 129 फ्रेम प्रति सेकेंड देख सकता है। इंसान की विजुअल प्रोसेसिंग स्पीड 60 हर्ट्ज होती है।
पक्षी के शिकार करने का तरीका भी अनोखा है। शिकार के दूर से देखने के बाद ये बेहद तेज गति में डाइव करता है लेकिन इतनी तेज स्पीड में पक्षी अपने शिकार को भी मार सकता है और खुद की जान भी गंवा सकता है। इस वजह से वो जैसे-जैसे शिकार के नजदीक पहुंचता है, अपने पंख को तेजी से फड़फड़ाता है जिससे उसकी गति धीमी हो जाती है।