नई दिल्ली। लगातार तेजी पकड़ रहा रोग मंकीपाॅक्स का बढ़ता खतरा पूरी दुनिया के लिए गंभीर समस्या बन गई है। वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क (डब्ल्यूएचएन) ने मंकीपाॅक्स के प्रकोप को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी) घोषित किया है। मंकीपाॅक्स वायरस के कई मामले विश्व के 40 देशों में सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संघटन (डब्ल्यूएचओ) ने इण्टरनेशनल हेल्थ रेग्युलेशन इमरजेंसी कमेटी की बैठक बुलाई और उसमें इसे वैश्विक आपातकाल घोषित करने पर चर्चा हुई।
डब्ल्यूएचएन की इस बीमारी को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद डब्ल्यूएचओ की इसे वैश्विक आपातकाल घोषित करने की तैयारी इस बात का संकेत है कि मंकीपाक्स वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। हाल में ही अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, ब्रि
सबसे पहले पश्चिमी देशों में मामले सामने आए थे। गरीब देशों में ऐसे मामले पहले भी आते रहे हैं। मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में यह बीमारी दशकों से लोगों को बीमार बना रही है। इस बीमारी के शिकार करीब दस फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। अब जब इसने विकसित देशों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया तब डब्ल्यूएचओ हरकत में आया।
विश्व के अनेक देशों में जिस तेजी से इस वायरस का प्रसार हो रहा है उसे देखते हुए सिर्फ वैश्विक आपातकाल घोषित करना इसका निदान नहीं है। इससे निबटने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास होना चाहिए। लोगों को सतर्कता बरतने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की जरूरत है।