स्वास्थ्य। आजकल ज्यादातर लोगों की लाइफ बिजी रहती है। बिजी रहना अनहेल्दी लाइफस्टाइल का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में अनहेल्दी फूड्स का सेवन करना, सही वक्त पर भोजन ना करना, पर्याप्त नींद ना लेना आदि कई कारणों से डाइजेशन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें हार्टबर्न होना आम है। हार्टबर्न के कारण पेट में जलन और एसिडिटी जैसी परेशानियां होती हैं। जिन्हें दूर करने के लिए अक्सर लोग दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये दवाइयां आपके पेट और हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ये दवाइयां बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए। आइए जानते हैं कुछ नेचुरल टिप्स जिन्हें अपनाकर आप हार्ट बर्न से छुटकारा पा सकते हैं-
वेट लॉस:-
ओवरऑल हेल्थ और बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी वेट मेंटेन करना जरूरी है। बढ़े हुए वजन को कम करने से हार्टबर्न के साथ हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार मोटापा और खासकर फूला हुआ पेट हार्ट बर्न और डाइजेशन संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। इसीलिए वेट को मैनेज करना बेहद जरूरी है।
इन फूड आइटम्स से करें परहेज:-
तला भुना और मसालेदार भोजन हार्ट बर्न यानी तेज जलन और एसिडिटी जैसी समस्याओं का कारण बनता है। कुछ फूड्स सीधे एसोफैगस को प्रभावित कर हार्ट बर्न के साथ अन्य कई परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। डाइट का ख्याल रखें और रिलैक्स के लिए पेपरमिंट जैसी चीजों का सेवन करें। स्मोकिंग भी हार्टबर्न को ट्रिगर कर सकती है।
नियंत्रित भोजन खाएं:-
हेल्थ एक्सपर्ट्स बेहतर डाइजेशन और हेल्दी रहने के लिए माइंडफुल ईटिंग की सलाह देते हैं। फिजिक्स के अनुसार एक ग्लास को पानी से भरते रहने पर पानी ओवरफ्लो होना शुरू हो जाता है, ठीक इसी तरह खाना जरूरत से ज्यादा भरने पर ओवरफ्लो होना शुरू हो जाता है जिससे हार्ट बर्न आदि की समस्या होती है। इसीलिए खाना खाते समय ओवरइटिंग से बचें।
खाना खाने के तुरंत बाद सोने से बचें:-
अधिकतर लोग खाना खाने के बाद आलस में आ जाते हैं और वहीं आराम फरमाने लगते है, यही बुरी आदत हार्ट बर्न और खराब डिजेशन का कारण बनती है। हार्ट बर्न से बचने के लिए सोने से कम से कम 4 घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए। बेहतर डाइजेशन के लिए रात में सोते समय टाइट कपड़े ना पहने।
च्युइंग गम:-
खाना खाने के लगभग आधे घंटे बाद च्युइंग गम चबाने से हार्ट बर्न की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। च्युइंग गम चबाने से मुंह में सलाइवा ज्यादा बनता है, जो डाइजेशन के लिए जरूरी है।