स्वास्थ्य। भारत में भोजन का स्वाद घी के बिना अधूरा है। किचन में कुछ भी बने उसके उपर घी को होना जरूरी होता है। घी न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि आयुर्वेद में घी के कई फायदे बताए गए हैं। घी का नियमित सेवन करने से उम्र का असर कम होता है। घी एंटी एजिंग का काम करता है। इसके साथ ही घी आंख की हेल्थ में फायदेमंद है। वहीं घी से मेमोरी पावर को भी बढ़ाया जा सकता है। घी के सेवन से पाचन संबंधी प्रक्रियाओं में भी सुधार किया जा सकता है। घी स्किन के लिए भी शानदार है। इतने सारे फायदे के बावजूद घी के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। इसलिए कुछ परिस्थितियों में घी का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
इन परिस्थितियों में घी का सेवन नहीं करना चाहिए:-
हर व्यक्ति का शरीर भोजन के साथ अलग-अलग तरह से ट्यून करता है। इसलिए जरूरी नहीं कि जो फूड किसी को फायदा देता है वह किसी दूसरे को फायदा ही देगा। इसलिए परिस्थितियों के अनुसार फूड का सेवन करना जरूरी है। जरुरी नहीं कि कोई चीज किसी को सूट कर गया तो वह आपको भी सूट करेगा। इसलिए कुछ परिस्थितियों में घी का सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
बुखार में:-
किसी भी तरह के बुखार में घी का सेवन नहीं करना चाहिए। खासकर यदि सीजनल बुखार हो तो इसमें घी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में:-
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई चीज की मनाही होती है। प्रेग्नेंसी में घी भी नहीं खाना चाहिए। अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो किसी भी हाल में घी का सेवन प्रेग्नेंसी में न करें।
लिवर से संबंधित बीमारियों में:-
अगर लिवर से संबंधित लिवर सिरोसिस, स्प्लेनोमेगली, हेपाटोमेगली, हेपटाइटिस आदि बीमारियों से जूझ रहे हैं तो घी का सेवन बिल्कुल न करें।
पेट में गैस से संबंधित बीमारियों में:-
पेट में यदि अपच या एसिड रिफलेक्स की बीमारी है यानी पेट की गैस उपर की ओर उठती है और इससे सीने में जलन होती है तो इस स्थिति में घी का सेवन नहीं करना चाहिए।
कितना घी का सेवन सही है:-
घी से सेहत के लिए कई फायदे हैं। इससे हड्डी मजबूत होती है और ब्रेन हेल्थ को फायदा मिलता है। यह एंटी इंफ्लामेटरी गुण से भरपूर है। घी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म और इम्यूनिटी बूस्ट होती है। उन्होंने बताया कि रोजना एक-दो चम्मच घी से हेल्थ को कई फायदे मिलते हैं लेकिन जिनका वजन बढ़ा है या लिवर से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें वास्तव में घी का सेवन नहीं करना चाहिए।