लाइफस्टाइल। नमक को ‘सफेद जहर’ के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इसका मतलब ये कतई नहीं कि आप नमक खाना ही छोड़ दें। क्योंकि नमक की कुछ मात्रा शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है। लेकिन लगातार ज्यादा मात्रा में नमक खाने से दिक्कत हो सकती है। खासकर किडनी को। किडनी इस अतिरिक्त नमक के दबाव को झेल नहीं पातीं। केवल नमक ही नहीं, ऐसी और भी कई स्थितियां हैं जो किडनियों के लिए बहुत मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि इन चीजों और स्थितियों के बारे में आप जानते भी हैं लेकिन इनपर ज्यादा विचार नहीं करते, जैसे- पेन किलर्स और डिहाइड्रेशन। इनके जैसी कई और चीजें हैं जो धीरे धीरे आपकी किडनी पर बुरा प्रभाव डालते हुए उन्हें बिल्कुल डैमेज कर डालती हैं। तो चलिए जानते हैं किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में और इन पर नियंत्रण के प्रयास के बारें में।
डिहाइड्रेशन से किडनी पर बुरा असर :-
डिहाइड्रेशन की स्थिति को भले ही लोग बहुत गम्भीरता से न लेते हों, लेकिन असल में ध्यान न देने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। शरीर में पानी की कमी दस्त, उल्टी और पसीने जैसे कई कारणों से हो सकती है। इसके अलावा डायबिटीज जैसी स्थिति पर नियंत्रण न रहने से भी पेशाब के साथ पानी की अधिक मात्रा शरीर से बाहर निकल सकती है। पानी शरीर के भीतर से गंदगी को बाहर निकालने में किडनी की काफी मददगार है। पानी ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाओं को खुला रखने में भी मदद करता है, जिससे खून सभी पौष्टिक तत्वों के साथ किडनी तक पहुंच सकता है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में इस कार्य में रुकावट आती है और गंभीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में किडनी के क्षतिग्रस्त होने की आशंका भी हो सकती है। इतना ही नहीं डिहाइड्रेशन, पथरी और यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की स्थिति भी बना सकता है।
दर्द निवारक या पेन किलर :-
सिरदर्द या किसी तरह के दर्द से निजात पाने के लिए अक्सर लोग पेनकिलर दवाएं खा लेते हैं। दर्द निवारक लेने के पहले शायद आपने कभी इस बारे में सोचा नहीं होगा लेकिन असल में इनका अनियंत्रित सेवन भी किडनी को मुश्किल में डाल सकता है। शोध बताते हैं कि क्रॉनिक किडनी फेलियर के कई केसेस के पीछे पेनकिलर का ओवरडोज कारण होता है। इसलिए पेन किलर का ज्यादा इस्तेमाल ना करें। पेनकिलर के अलावा ड्रग्स (नशीली दवाएं) का उपयोग भी किडनी को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।
कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन :-
कोल्डड्रिंक्स को कई लोग पानी की तरह भी उपयोग में ले आते हैं। खासकर नौजवानों के लिए यह आदत बन जाता है। शोध की मानें तो प्रतिदिन 2 या इससे अधिक कोल्डड्रिंक (केन्स/बॉटल) पीने वालों में क्रॉनिक किडनी डिसीज की आशंका बढ़ जाती है। यह आशंका डाइट सोडा पीने पर भी बढ़ सकती है। इसका प्रभाव नमक और शकर के अधिक सेवन के समान ही बुरा हो सकता है।
ज्यादा व्यायाम करना :-
आवश्यकता से अधिक व्यायाम भी किडनियों के लिए हानिकारक हो सकती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि एक्सरसाइज, रीनल हीमोडायनामिक्स और इलेक्ट्रोलाइट व प्रोटीन के उत्सर्जन को प्रभावित करती है। सीधे शब्दों में कहें तो इससे किडनियों के काम काज पर असर पड़ता है। व्यायाम से यूरीन, पसीना और शरीर की हार्मोनल गतिविधियों आदि सभी पर असर पड़ता है। ऐसे में किडनियों पर भी बोझ बढ़ता है। इसलिए आवश्यक है कि एक्सरसाइज नियंत्रित भी रहे और संतुलित भी। जो लोग पेशेवर एथलीट या स्पोर्ट्स से जुड़े होते हैं वे विशेषज्ञों की देखभाल में एक्सरसाइज करते हैं और उसके साथ अपनी डाइट और हाइड्रेशन पर भी पूरा कंट्रोल रखते हैं।
उक्त चीजों और स्थितियों के अलावा अधिक नमक का सेवन, सिगरेट और अल्कोहल का निरंतर प्रयोग, एसिडिटी के लिए ली जाने वाली दवाएं, सामान्य संक्रमण, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना, पथरी जैसी समस्याएं आदि भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि नियंत्रण के साथ ही नियमित चैकअप को लेकर भी सतर्कता रखी जाए।