योग। आप अक्सर छोटी-छोटी बातें भूल जाती हैं, लोगों के चेहरे तो याद रहते हैं पर उनका नाम याद कर पाने में कठिनाई होती है या फिर सामान्यतौर पर जो आप पढ़ते हैं वह कुछ ही देर बाद भूल जाता है। अगर आपको इस तरह की समस्या है तो इसको लेकर आपको अलर्ट हो जाने की आवश्यकता है। सामान्यतौर पर उम्र बढ़ने के साथ लोगों को अल्जाइमर नामक बीमारी के कारण भूलने की समस्या हो सकती है, पर याददाश्त की कमजोरी की दिक्कत किसी भी उम्र में हो सकती है। विशेषकर पढ़ाई करने वाले बच्चों को इस समस्या की सामना अधिक करना पड़ता है जिसमें वह रात में तो लेशन याद करते हैं, पर सुबह सबकुछ भूल जाता है।
कई कारणों से याददाश्त की यह समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि दिनचर्या में नियमित रूप से योगासनों को शामिल किया जाए तो इससे बचाव किया जा सकता है। कई योगासनों का अभ्यास दिमाग को शांत रखने और चीजों को अच्छी तरह से याद रखने में मदद कर सकते हैं। योगासनों की मदद से उम्र बढ़ने के साथ होने वाली याददाश्त की कमजोरी की दिक्कतों से भी बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि कौन से आसनों को करना फायदेमंद हो सकता है?
मत्सयासन योग:-
चीजों को अक्सर भूल जाने की समस्या से परेशान लोगों के लिए रोजाना मत्सयासन योग का अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है। यह योगासन गर्दन और कंधों से तनाव को दूर करने में मदद करने के साथ दिमाग को शांति देने और चीजों को बेहतर तरीके से दिमाग में संग्रहित करने में मदद कर सकते हैं। यह योग मस्तिष्क में रक्त के संचार को भी बढ़ावा देते हैं जिससे तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है। श्वसन विकारों से राहत दिलाने में भी इस योग को फायदेमंद माना जाता है।
प्राणायाम का अभ्यास:-
प्राणायाम योगासनों का अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। यह मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को आराम दिलाने के साथ कार्यों को बेहतर बनाने में सहायक माना जाता है। प्राणायाम का अभ्यास शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह तनाव-चिंता और अवसाद जैसे विकार के लक्षणों को कम करने में भी सहायक होता है। याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए रोजाना इस आसन का अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है।
सर्वांगासन योग :-
मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं में सुधार करते हुए मस्तिष्क के कार्यों को सहज करने में इस योग का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह योग आपके दिमाग को पोषण देता है और उसे स्वस्थ रखने में मदद करता है। किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही इस योग की शुरुआत करें।