ये योगासन पित्त दोष की समस्या को करते हैं कंट्रोल

योग। योगासनों को हेल्‍थ को बेहतर रखने वाले अभ्यास के तौर पर जाना जाता है, जिससे मन की शांत के साथ कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं के जोखिम को कम करने में लाभ मिलता है। आयुर्वेद शास्त्र के मुताबिक शरीर में बीमारियों के लिए तीन दोष प्रमुख कारक हैं- वात, पित्त और कफ। इनमें होने वाले असंतुलन की स्थिति, दोष के आधार पर शरीर की सेहत को प्रभावित कर सकती है।
दिनचर्या में योगासनों को शामिल करने से इन तीनों को संतुलित रखने में भी मदद मिल सकती है। इस लेख में हम पित्त दोष के कारण होने वाली समस्या और इसमें सुधार करने वाले योगासनों के बारे में जानेंगे।

जिन लोगों को पित्त दोष की समस्या होती है उनको शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा होने, एसिड, गैस, अपच जैसी समस्याओं का जोखिम अधिक होता है। इस तरह की दिक्कतों पर ध्यान न देने की स्थिति में आगे चलकर गंभीर रोग होने का भी खतरा हो सकता है। शरीर को स्वस्थ रखने और पित्त से संबंधित समस्‍याओं के जोखिम को कम करने के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना बेहतर विकल्प हो सकता है। आइए इस बारे में आगे जानते हैं।

पित्त दोष के कारण होने वाली समस्याएं :- 

पित्त, हार्मोन, एंजाइम, तापमान और पाचक अग्नि को नियंत्रित करता है, ऐसे में इसमें होने वाली समस्या पाचन स्वास्थ्य के साथ शरीर के तापमान की स्थिति को भी प्रभावित कर सकती है। पित्त दोष के कारण कब्ज और अपच की समस्या के अलावा जोड़ों की सूजन, गुस्सा और चिड़चिड़ापन, शरीर की गंध और बहुत ज़्यादा पसीना आने की भी समस्या हो सकती है। शरीर की क्षमता से अधिक मेहनत करने पर भी पित्त दोष में वृद्धि हो जाती है। इसे कई प्रकार के योगासनों के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। तो आइए इन योगासनो के बारे में जानते है।

सर्वांगासन योग :-
सर्वांगासन योग को पित्त विकारों से संबंधित विकारो को दूर करने और शरीर में कूलिंग इफेक्ट को बढ़ावा देने में लाभकारी अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। पित्त बढ़ने की स्थिति में मन की आशांति भी बढ़ जाती है, इस तरह की समस्याओं के जोखिम को कम करने में भी सर्वांगासन योग के अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि सर्वांगासन योग रक्त संचार को ठीक रखने और पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अभ्यास है।

बटरफ्लाई पोज :-
बटरफ्लाई पोज का नियमित अभ्यास करके भी पित्त विकार के कारण होने वाली कई तरह की समस्याओं के जोखिम को कम करने और पित्त को शांत करने में लाभ मिल सकता है। बटरफ्लाई पोज न सिर्फ पाचन अंगों का बेहतर तरीके से मालिश करने वाला अभ्यास है बल्कि यह सौम्य स्ट्रेचिंग के साथ  मन और शरीर दोनों को शांत करने में भी मदद करती है। शरीर के दर्द और हार्मोन्स के असंतुलन को ठीक करने में इस योगासन के नियमित अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है।

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