वास्तु। वास्तुशास्त्र में दिशाओं के मुताबिक क्रिया-कलाप करने से हमेशा वांछित परिणाम मिलते हैं। आज बात करते हैं उत्तर-पूर्व दिशा की। वास्तु में उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहा गया है। यह दिशा किसी भी घर का सबसे पवित्र स्थान होता है। वास्तु के अनुसार, इसमें ईश्वर का निवास स्थान होता है।
ऐसी मान्यता है कि घर के ईशान कोण को हमेशा साफ़ सुथरा रखना चाहिए जिससे घर में सुख-शांति,आरोग्य और लक्ष्मी का वास हो। भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है और इनका स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में होता है। इसलिए घर में भी इस दिशा को मंदिर या पूजा के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। वास्तु के अनुसार इस स्थान के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- ईशान में क्या न करें-
वास्तु के मुताबिक, घर के ईशान कोण में भूलकर भी कोई भारी चीज नहीं रखनी चाहिए। यदि आप इस स्थान पर भारी चीज रख देते हैं तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार रुक जाता है जिससे आपको धन हानि हो सकती है। इसलिए इस स्थान पर भारी अलमारी, स्टोर रूम आदि बनाने से बचना चाहिए। - घर की यह दिशा सबसे पवित्र मानी जाती है और यहां ईश्वर का वास माना जाता है। इसलिए कभी भी इस जगह पर जूते चप्पल या फिर कूड़ा-कचरा इकठ्ठा न करें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में परेशानियां आने लगती हैं।
- घर के ईशान कोण में भूलकर भी शौचालय नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने से शारीरिक और मानसिक समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। और आपकी जमापूंजी उपचार में खर्च होने लगती है।
- घर के ईशान कोण में मुख्यरूप से नवविवाहित दंपत्ति का बेड रूम नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने से आपसी रिश्तों में मन मुटाव होता है और व्यर्थ की समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
ईशान कोण में क्या करें:-
- घर के ईशान कोण में पूजा का स्थान बनाना चाहिए। इस स्थान पर की गयी पूजा हमेशा ईश्वर को स्वीकार्य होती है और इससे घर की सुख समृद्धि भी बनी रहती है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए इस दिशा क्षेत्र को साफ़ सुथरा रखना चाहिए जिससे घर में नकारात्मकता ऊर्जा नहीं रहे।
- यह स्थान हमेशा किसी जल के स्रोत जैसे कुआं, बोरिंग, मटका या फिर पीने के पानी के लिए सर्वोत्तम है। यदि आप नया घर बनवा रहे हैं तो घर के इसी कोने में बोरिंग की व्यवस्था करें,या भूमिगत पानी की टंकी बनवाएं।
- इस दिशा को ध्यान की दिशा माना जाता है इसलिए बच्चों के पढ़ने का कमरा हमेशा ईशान कोण में ही होना चाहिए। इस दिशा में पढ़ाई करने से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
- इस दिशा में तुलसी एवं केले का पौधा लगाकर इनकी नियमित पूजा करने से आपको आर्थिक लाभ भी होगा।