एस्ट्रोलॉजी। न्याय के देवता भगवान शनि 30 वर्षों के बाद अपनी साधारण राशि मकर को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर गए हैं। बता दें कि शनि ग्रह 29 अप्रैल को कुंभ राशि में प्रवेश कर गए थे। इसके बाद अब इसी राशि में रहने के साथ 5 जून को कुंभ राशि में ही वक्री हो जाएंगे और 13 जुलाई 2022 को वक्री होकर पुन: मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद 17 जनवरी 2023 को पूर्ण रूप से कुंभ राशि में आ जाएंगे। आइए जानते हैं कि शनि के इस गोचर से किन राशियों को होगा सबसे अधिक लाभ
शनि ग्रह के इस गोचर से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती आरंभ हो गई है और धनु राशि के लोग साढ़े साती से पूरी तरह से मुक्त हो गए है। इसके साथ ही कुंभ राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण आरंभ होगा और मकर राशि पर साढ़े साती का अंतिम चरण आरंभ हो गया है। मिथुन राशि, तुला राशि से शनि की ढैया समाप्त हो गई है। वहीं कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का आरंभ हो गई है।