नौकरी। यह वर्ष टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए पिछले वर्ष से भी बदत्तर है। वहीं कहे तो वर्ष 2023 टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए सबसे खराब रहा और अधिक रह सकता है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर बिग टेक फर्मों से लेकर स्टार्टअप्स तक ने बीते पांच महीने में लगभग दो लाख तकनीकी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। जबकि मेटा, बीटी, वोडाफोन और कई अन्य कंपनियों ने आने वाले महीनों में और कर्मचारियों की छुट्टी की योजनाओं अर्थात छंटनी की घोषणा किया है।
ले-ऑफ ट्रैकिंग साइट के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मई तक पांच महीनों में 695 टेक कंपनियों ने करीब 1.98 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है।
वही अगर बीते साल 2022 की बात करें तो जनवरी से दिसंबर 2022 तक 1,046 टेक कंपनियों ने छंटनी की थी और कुल 1.61 लाख से अधिक कर्मचारियों को नौकिरियों से निकाला था। लेकिन इस साल अकेले जनवरी में, वैश्विक स्तर पर करीब एक लाख तकनीकी कर्मचारियों ने नौकरी खोई, जिनमें Amazon, Microsoft, Google, Salesforce और अन्य जैसी कंपनियों के कर्मचारी सर्वाधिक थे। कुल मिलाकर, लगभग 3.60 लाख तकनीकी कर्मचारी अब जनवरी 2022 में और इस साल मई 2023 तक अपनी नौकरी खो चुके हैं।
बड़ी टेक कंपनियां कर्मचारियों को हटानें के मामलें में एक कदम के पीछे विभिन्न कारणों ओवर-हायरिंग, अनसरटेन ग्लोबल मैक्रोइकॉनॉमिक सिचुएशन, पोस्ट कोविड-19 सिनोरियो और बहुत कुछ कारण बताए जाते है। मेटा कथित तौर पर अगले सप्ताह नौकरी में कटौती के अपने तीसरे दौर में अधिक कर्मचारियों की छंटनी शुरू करने जा रहा है। जबकि सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की गई है, उम्मीद है कि कंपनी इस दौर में लगभग 6,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी।
अमेजन इंडिया ने इस महीने अपने क्लाउड डिवीजन AWS के साथ-साथ पीपुल एक्सपीरियंस एंड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस (PXT) या HR और सपोर्ट वर्टिकल से लगभग 400-500 कर्मचारियों को निकाल दिया। फिनटेक यूनिकॉर्न Zepz 420 कर्मचारियों, यानीं अपने कार्यबल के 26 प्रतिशत की छंटनी करने वाली है।