जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में दो लाख युवाओं को सरकार स्वरोजगार योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला उद्यमियों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। यह घोषणा उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वरोजगार योजना की समीक्षा के दौरान की। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि उद्योगों की जरूरतों को समय पर पूरा करने के लिए क्षमता विकास विभाग तकनीकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करे। उन्होंने कहा कि सभी डीसी दूरदराज व सीमावर्ती इलाकों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ मूलभूत सुविधाएं पहुंचाएं। बैंकों को कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र अभ्यर्थी वित्तीय सहायता प्राप्त करने की योजना से वंचित न रहे। इसके लिए बैंक नोडल अधिकारी नियुक्त करे जो रोजगार सृजन योजना के तहत समय से ऋण वितरण सुनिश्चित करेगा। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सीमावर्ती एवं दूरदराज इलाकों पर खास ध्यान देते हुए प्रत्येक पंचायत से कम से कम पांच युवाओं को स्वरोजगार के लिए चयनित करने को कहा। स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन और जमीनी स्तर तक पहुंच बनाने के लिए समान डैशबोर्ड विकसित करने के निर्देश दिए। इस व्यवस्था से पता लगाया जाएगा कि पात्र लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है या नहीं। उन्होंने बैंकों के नगदी जमा अनुपात के कम होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी बैंक इस सीमा को न्यूनतम 40 फीसदी से अधिक बढ़ाएं। हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने की हिदायत देते हुए कहा कि सभी विभागीय सचिव व डीसी किसान क्रेडिट कार्ड, मुद्रा, फसल बीमा योजना व अन्य योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। इसमें केंद्र शासित प्रदेश के सभी विभागों के साथ समन्वय के साथ-साथ सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।