मुंबई। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता नारायण राणे को राज्य के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में आरोपमुक्त कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एस. डब्ल्यू. उगाले ने राणे को रिहा कर दिया। राणे के खिलाफ रायगढ़ जिले के महाड में 2021 में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्हें उनकी टिप्पणी के लिए रत्नागिरी जिले से गिरफ्तार किया गया था।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा था कि “यह शर्मनाक है कि सीएम उद्धव ठाकरे को स्वतंत्रता प्राप्ति के वर्ष के बारे में नहीं पता है। वह अपने भाषण के दौरान यह पूछने के लिए पीछे मुड़ गए कि आजादी को कितने वर्ष हो गए हैं। यदि मैं वहां होता, तो जोरदार तमाचा मार देता” उन्होंने दावा किया था कि ठाकरे 15 अगस्त पर राज्य की जनता के नाम अपने भाषण में यह भूल गए थे कि स्वतंत्रता प्राप्ति को कितने वर्ष हो गए। इस टिप्पणी के लिए राणे के खिलाफ महाराष्ट्र में चार प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद नारायण राणे ने कोंकण में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली थी। यात्रा के दौरान उन्होंने रायगढ़ जिले के सीएम उद्धव ठाकरे के बारे में बयान दिया था। जबकि इसका तत्कालीन शिवसेना ने विरोध किया था। उसके बाद राणे के खिलाफ प्राथमिक्ता दर्ज की गई। वहीं मामले की सुनवाई के दौरान नारायण राणे के वकील ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी भी आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे रहा हो। उन्होंने कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है और इसलिए कानून की दृष्टि से खराब है। जबकि केंद्रीय मंत्री राणे ने ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा करके कोई अपराध नहीं किया है।