UP GIS: ऊर्जा और नगर विकास विभाग ने किया कमाल, 9.75 लाख करोड़ का निवेश

लखनऊ। यूपी के लखनऊ में 10 से 12 फ़रवरी तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने एक तरफ़ जहां पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नई इबारत लिखी गई है। वहीं यूपी के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के विभागों ने उत्तर प्रदेश के नगरों की तस्वीर बदलने के साथ-साथ इन्वेस्टर्स को भी ख़ूब लुभाया है।

“कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”। इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने रिकॉर्ड 33.50 लाख करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया है जिसमें लगभग एक तिहाई यानी 9.75 लाख करोड़ रुपए का योगदान मंत्री ए के शर्मा के विभागों का है।

अगर पक्ष-विपक्ष राजनीति से हटकर बात की जाए तो एक सामान्य नागरिक भी बहुत ही आसानी से बता सकता है कि यूपी अब भयमुक्त प्रदेश के रूप में परिवर्तित हो चुका है। छिटपुट घटनाएं जो पूर्व निर्धारित नहीं होती उन्हें रोक पाना किसी के लिए भी मुश्किल काम होता है। यूपी में जहां एक दौर में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हुआ करते थे कि औद्योगिक घराने उत्तर प्रदेश में आने से कतराते थे। वहीं अब अपराधी खुद को समाजसेवी कहते नज़र आने लगे हैं या फिर अपराध से दूरी बनाते दिखाई दे रहे हैं।

सरकारी टेण्डरों में अपराधियों का हस्तक्षेप समाप्ति की ओर है ऐसे में राज्य में जो भी कार्य हो रहे हैं उन्हें कोई भी आम नागरिक करा सकता है। इसका ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश अब औद्योगिक विकास के क्षेत्र में बहुत तेजी से पाव पसारने के लिए तत्पर दिख रहा है। और इस बात की तस्दीक की है ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में साइन हुए एमओयू ने। 10 से 12 फ़रवरी को लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने उत्तर प्रदेश के नगरों की खूबसूरती की जो छटा प्रदर्शित की है वह वाकई न्यू इंडिया की छवि दिखाई दे रही है।

सुबह-ए-बनारस और शाम-ए-अवध एक दौर में उत्तर प्रदेश की सभ्यता एवं संस्कृति को बयां किया करते थे और लोग दूर-दूर से वाराणसी की सुबह और लखनऊ (की शाम का लुत्फ़ उठाने आते थे।  इस वजह से सरकार को राजस्व का लाभ तो होता ही था साथ ही स्थानीय दुकानदारों एवं व्यवसायियों का भी लाभ होता था, लोगों को रोजगार मिलता था।

आधुनिकता की दौड़ में कोई भी सरकार जब संस्कृति और विकास का सामंजस्य स्थापित करते हुए कार्य करती है तो वह नागरिकों के अलावा प्रकृति के लिए भी बेहतर होता है। G20 की वजह से उत्तर प्रदेश की छवि ग्लोबली पहले से भी अच्छी होगी इस बात से इनकार कोई नहीं कर सकता है।

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