UPPCL: हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने में जुटी सरकार अब किसानों को भी अपने इस मुहिम का भागीदार बना रही है. इस पहल के तहत किसानों को खेतों में सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, इसके लिए उन्हें पीएम कुसुम सी के तहत अनुदान में भारी भरकम भी दिया जा रहा है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार 1.05 करोड़ और राज्य सरकार 50 लाख रुपये का अनुदान प्रति मेगावाट दे रही हैं.
19 सितंबर तक कर सकते है आवेदन
पीएम कुसुम के तहत यूपीनेडा ने किसानों से आवेदन भी मांगे हैं, जिसके लिए उन्हें 19 सितंबर तक का समय दिया गया है. दरअसल, प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना के तहत कृषि फीडरों को सोलर बिजली घर से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में यूपीनेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि पहली बार पीएम कुसुम सी योजना में किसानों को सीधे शामिल होने का मौका दिया जा रहा है.
इतने मेगा वाट तक लगाए जा सकते है प्लांट
हालांकि इससे पहले यह योजना सिर्फ किसान संगठनों और एफपीओ तक ही सीमित थी, लेकिन अब सोलर प्लांट लगाने वाले किसानों का भी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया जाएगा, इसके तहत अगले 25 वर्षों पर तय अनुबंध के तहत यूपीपीसीएल बिजली खरीदेगी. योजना के तहत 0.5 मेगावाट से 15 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं.
पीएम कुसुम योजना की तीन श्रेणी
बता दें कि केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. जिसमें पहली श्रेणी (पीएम कुसुम ए) के तहत बंजर भूमि पर मिनी ग्रिड लगाना. दूसरी श्रेणी (पीएम कुसुम बी) के तहत डीजल सिंचाई पंपों को आफग्रिड सौर पंपों में बदलना और तीसरी श्रेणी (पीएम कुसुम सी) के तहत एग्रीकल्चर सोलर के लिए मिनीग्रिड लगाए जाने हैं. ऐसे में किसान अपने खेत में सोलर प्लांट लगाकर जो बिजली पैदा करेंगे उसे ग्रिड में बेच भी सकते हैं.
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