बंगलुरू। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 15 जनवरी को बंगलुरू के निकट चिकबल्लापुर स्थित सद्गुरु सन्निधि में 112 फुट ऊंची आदियोगी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इस अवसर पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरू व कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहेंगे।
चिकबल्लापुर में 21 दिवसीय आदियोगी रथ यात्रा भी चल रही है, जिसकी शुरुआत दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हुई थी। यात्रा के जरिए लोगों को अनावरण समारोह के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। प्रतिमा के अनावरण के बाद आदियोगी दिव्य दर्शनम होगा, जो आदियोगी के जीवनवृत्त पर आधारित 14 मिनट का एक अनूठा लाइट एंड साउंड शो है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कोयंबटूर में योग के स्रोत, आदियोगी की प्रतिमा को अतुल्य भारत गंतव्य के रूप में सूचीबद्ध किया है। प्रतिमा को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया में सबसे बड़ी बस्ट मूर्तिकला के रूप में भी मान्यता दी है। चिकबल्लापुर में 15 जनवरी से हर शाम आदियोगी दिव्य दर्शनम का आयोजन होगा। ईशा संस्कृति के छात्र और साउंड्स ऑफ ईशा का मनमोहक प्रदर्शन इस मेगा इवेंट का हिस्सा होंगे। चिकबल्लापुर के हजारों ग्रामीणों के इस उत्सव में भाग लेने की उम्मीद है।