नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आदिवासी समुदाय के विकास और उनके बच्चों के लिए के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा की पहुंच के विषय पर पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित किया। इस वेबिनार के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट में आदिवासी विकास को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने कहा कि देश के आदिवासी समुदाय की अपार क्षमता का दोहन करने के लिए पहली बार बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती का बड़ा प्रावधान किया गया है। वहां योग्य शिक्षकों की कमी नहीं होने दी जाएगी, जिससे आदिवासी बच्चों की पढ़ाई और कौशल विकास की प्रक्रिया धीमी न पड़े और न बाधित हो।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि यदि हम इन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में स्टार्ट-अप, डिजिटल मार्केटिंग के लिए वर्कशॉप शुरू करते हैं, तो इससे हमारे आदिवासी समुदाय को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जब बच्चे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों से पास आउट होंगे, तो उन्हें पता चलेगा कि अपने क्षेत्र के आदिवासी उत्पाद को कैसे बढ़ावा देना है, कैसे अपनी ऑनलाइन ब्रांडिंग करनी है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम, रीचिंग दी लास्ट माइल के लिहाज से एक सक्सेस मॉडल बन कर उभरा है। भारत में जो आदिवासी क्षेत्र हैं, ग्रामीण क्षेत्र हैं, वहां आखिरी छोर तक रीचिंग दी लास्ट माइल के मंत्र को ले जाने की आवश्यकता है। अंतिम छोर तक पहुंच की अप्रोच और सेचुरेशन यानी ठहराव की नीति, एक-दूसरे की पूरक है। उन्होंने कहा कि गुड गर्वनेंस सरकारी कार्यों और सरकारी योजनाओं की सफलता की सबसे अनिवार्य शर्त है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों से हमारी सरकार ने बजट बनाने से पहले भी और बाद भी सभी स्टेकहोल्डर से गहन मंथन की नई परंपरा शुरू की है। भारत में जो आदिवासी क्षेत्र हैं, ग्रामीण क्षेत्र हैं, वहां आखिरी छोर तक रीचिंग दी लास्ट माइल के मंत्र को ले जाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश के ट्राइबल समाज के विशाल पोटेंशियल को टैप करने के लिए पहली बार देश में इतने बड़े स्तर पर काम हो रहा है। इस बार के बजट में भी ट्राइबल डेवलपमेंट को प्रमुखता दी गई है।