स्वास्थ्य। सही खान-पान और रूटीन सेहत के लिए एक मूलमंत्र है। लेकिन अक्सर हम इसे बहुत हल्के में ले लेते हैं। इमरजेंसी में कभी-कभार रूटीन का सही न हो पाना अलग बात है। लेकिन अगर आप अक्सर चीजों को कल पर टाल कर संतुष्ट हो जाते हैं तो याद रखिए यह गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। हमारे शरीर में दिल एक ऐसा अंग है जिसका लगातार, सही तरीके से काम करते रहना जीवन को चलाए रखने के लिए जरूरी है। इस मामले में टालने या रिस्क लेने से काम नहीं चलता। अच्छी बात यह है कि कुछ बहुत ही सामान्य आदतों या चीजों को अपनाने से आप दिल की अच्छी सेहत की दिशा में काम कर सकते हैं। इसमें खाने में सही और गलत फैट्स में से चुनाव करने जैसे तरीके भी शामिल हैं।
दिल का इस तरह रखिए ख्याल:-
दिल की सेहत को लेकर सबसे पहले स्ट्रेस लेना छोड़ दीजिए क्योंकि ये भी दिल पर बुरा असर डाल सकता है। थोड़ा ठहरकर शांति से नोट्स बनाइए कि आपको किस चीज पर काम करने की जरूरत है और बस धीरे-धीरे उस पर अमल करना शुरू कर दीजिए।
-आपके परिवार में किसी भी प्रकार के ह्रदय रोग या अन्य बीमारियों की हिस्ट्री। यह वह बिंदु है जिसपर लोग अक्सर गौर करना भूल जाते हैं। जरूरी नहीं कि परिवार में किसी को ह्रदय रोग हों तो आपको भी होंगे ही लेकिन इसकी आशंका हमेशा हो सकती है। इसलिए आपके परिवार में यदि हाई बीपी, हाई शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि भी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आया है तो जरूरी है कि आप कम उम्र से ही अपने रूटीन में स्वास्थ्यवर्धक आदतों को डाल लें। साथ ही अपने मेडिकल चैकअप को समय पर कराते रहें। सबसे अच्छी बात यह है कि आज दिल की लगभग हर बीमारी का इलाज उपलब्ध है और इसके बाद आराम से सामान्य जीवन जिया जा सकता है। अगर आप सतर्कता रखेंगे तो निश्चिंतता से स्वस्थ जीवन जी पाएंगे।
-खर्राटों या स्लीप एप्निया को नजरअंदाज न करें। यदि आप लगातार नींद में बाधा महसूस कर रहे हैं और खर्राटे आपकी आदत बन चुके हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर इसके लिए उपाय करें। स्लीप एप्निया की स्थिति में आपके एयरवे में ब्लॉकेज हो जाता है जिससे सांस लेने में बाधा होने लगती है। जिससे रात में कई बार नींद में ही आपकी सांस रुक भी जाती है। यह हाई ब्लड प्रेशर, असामान्य ह्रदय गति और हार्ट फेलियर का कारण भी बन सकता है। अगर आपका वजन ज्यादा है तो आप में इसके होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।
-वजन, शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल पर कड़ा नियंत्रण रखना। ये एक ऐसी बात है जो जानते ज्यादातर लोग हैं लेकिन इसे अमल में लाना भूल जाते हैं। जैसे रोज भोजन करना, नहाना आदि आपको याद रहता है वैसे ही उपरोक्त नियंत्रण को जीवन का हिस्सा बनाएं। सफेद दुश्मनों यानी नमक, शकर और चावल का सेवन कम से कम कर दें, भोजन में अधिक से अधिक फाइबर और गुड फैट्स जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को डाइट में शामिल करें। साबुत अनाज, साबुत फल, हरी सब्जियां, आदि का सेवन करें।
-तनाव, स्ट्रेस जैसी स्थितियों से जितना हो सके दूर रहने का प्रयास करें। ये आपके दिल को बड़ी मुश्किल में डाल सकती हैं। मेडिटेशन, म्यूजिक आदि इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
-रोजाना कम से कम 15 मिनिट का व्यायाम और खुली ताजा हवा में डीप ब्रीदिंग चमत्कार की तरह काम करेंगी। इससे रक्त संचार तो सुचारू होगा ही, दिमाग को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी और वह सही तरीके से काम कर पाएगा।
-शराब या सिगरेट कभी किसी समस्या का हल नही हो सकते। इनका दिल की सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। इनसे दूरी बनाए रखें या सेवन कम से कम करें। रेड वाइन जैसे ड्रिंक्स का प्रयोग थोड़ी मात्रा में कभी कभार किया जा सकता है लेकिन हार्ड लिकर से तो बिल्कुल ही दूर रहें।